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डेंगू के लक्षण को न करें नजरअंदाज, लापरवाही हो सकती है जानलेवा

समय से इलाज कराए, चिकित्सीय देख-रेख में रहें

उरई/जालौनडेंगू मादा एडीज मच्छर से फैलने वाली बीमारी है। मच्छर एक दूसरे व्यक्तिको काटकर डेंगू को फैलाता है। जिस व्यक्ति को डेंगू हो जाता है, उसकी डेंगू बुख़ार की शुरुआत ठंड लगना, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द होना, जो आंखों को हिलाने पर बढ़ जाता है, भूख न लगना, कमज़ोरी और कमर में दर्द से होती है। किसी मरीज में बीमारी के पहले घंटे में पैरों और जोड़ो में दर्द होता है। शरीर का तापमान तेज़ी से बढ़कर 104 पर पहुंच जाता है, दिल की धड़कनें धीमी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है। आंखों लाल हो जाती हैं। चेहरे पर गुलाबी रंग के चकत्ते आते हैं और फिर चले जाते हैं। डेंगू के मरीज को घबराना नहीं है। हालांकि जांच के बाद मरीज को चिकित्सीय देखरेख में रखना होता है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा वेक्टर बोर्न डिजीज डॉ. अरविंद भूषण का।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि तेज बुखार और डेंगू के अन्य लक्षण दो से चार दिनों तक रहते हैं। इसके बाद अत्यधिक पसीने के साथ शरीर के तापमान में तेजी से गिरावट आती है। अगले एक दिन तक शरीर का तापमान सामान्य रहता है और कमज़ोरी कुछ कम लगती है। अगले दिन बुखार दोबारा चढ़ना शुरू होता है। चेहरे को छोड़ पूरे शरीर पर लाल रंग को छोटे दाने हो जाते हैं। हथेलियां और तलवे सूजन के साथ गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। इसलिए जागरुक होकर इलाज कराए।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. जीएस स्वर्णकार का कहना है कि डेंगू की जांच दो तरह से होती है। एक किट के माध्यम से और दूसरी एलाइजा जांच के माध्यम से। किट जांच में डेंगू के लक्षण मिलने पर पुष्टि के लिए एलाइजा जांच कराई जाती है। यह जांच राजकीय मेडिकल कालेज में होती है। बुखार आने पर अपने मन से दवा न लें।

डेंगू के इन लक्षणों को न करें नज़र अंदाज़ –
पेट दर्द, लगातार उल्टियां होना, क्लिनिकल फ्लूएड का जमा होना, बेचैनी और कमज़ोरी, लिवर के आकार का बढ़ोतरी होना और प्लेटलेट्स भी तेज़ी से गिरने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाकर जांच कराए।

वर्ष       डेंगू के केस मिले
2017      06
2018      36
2019      42
2020      22
2021      367
2022      86

‘डेंगू को हराने के लिए साझेदारी करें’ थीम पर आयोजित होगा डेंगू दिवस –
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा का कहना है कि मच्छरों से डेंगू-मलेरिया फैलता है। खासकर बारिश में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि डेंगू के मच्छर पानी में पनपते हैं। डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज शुरू से नहीं हुआ तो यह जानलेवा हो सकता है। डेंगू के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव के तरीके समझाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम ’डेंगू को हराने के लिए साझेदारी करें’ रखी गई है।

खान-पान में भी परहेज करें –
सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह बताते है कि मौसम बदलते ही डेंगू बुखार का खतरा भी बढ़ गया है। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। डेंगू के मरीज को समय पर दवाओं के सेवन के साथ अपने खानपान में भी परहेज करना चाहिए। डेंगू रोगी को मसालेदार भोजन और जंक फ़ूड को खाने से बचना चाहिए।

आस-पास मच्छरों को न पनपने दें –
बचाव के लिए कूलर पानी की टंकियो, पानी के बर्तन, फ्रिज, ट्रे, फूलदान आदि को सप्ताह में खाली करें और धूप में सुखाकर प्रयोग करें। यह मच्छर दिन में काटता है। इसलिए पूरे शरीर को ढंकने वाला कपड़ा पहने। ऐसे सामान को घर से हटा दें, जिनमें मच्छर पनपने की संभावना हो।

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