अपनी किस्मत को आजमाने का नहीं छोड़ रहे कोई मौका, कोई हाथी से, तो कोई पंजे से, तो कोई साईकिल पर हुआ सवार
सपा टिकिट में फेरबदल से खलबली, सरनाम की जगह पार्टी सिंबल हुआ सुषमा के नाम

– हाथी का साथ छूटा तो तौसीफ अहमद ने पंजे से मिलाया हाथ, बने काँग्रेस प्रत्याशी
कोंच (पीडी रिछारिया)। सपा की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया जब पार्टी आलाकमान ने पूर्व में घोषित सपा प्रत्याशी सरनाम सिंह यादव का टिकिट ऐन वक्त पर काट कर सुषमा शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। अचानक हुए इस बड़े उलटफेर से सियासी दिग्गजों का चौंकना स्वाभाविक है।
नामांकन के आखिरी दिन सोमवार को अंतिम क्षणों में सपा के टिकिट में हुए फेरबदल से अब सियासी समीकरणों में भी भारी उलटफेर होने की संभावना जताई जा रही है। सपा आलाकमान ने पूर्व में घोषित प्रत्याशी सरनाम सिंह यादव का टिकिट काटकर सुषमा शुक्ला को अपना प्रत्याशी बना कर राजनैतिक हलकों में हलचल मचा दी है। दरअसल, सपा ने रविवार को पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष सरनाम सिंह यादव को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था जबकि टिकिट की सबसे प्रबल दावेदार पूर्व पालिकाध्यक्ष स्व. अशोक शुक्ला की पत्नी सुषमा शुक्ला मानी जा रही थीं। ऐसी स्थिति में सपा खेमा इस बात को लेकर जबर्दस्त मायूस था कि सुषमा की प्रत्याशिता में पार्टी उम्दा प्रदर्शन कर सकती थी। हालांकि सुषमा के समर्थकों को उनके पति पूर्व पालिकाध्यक्ष स्व. अशोक शुक्ला और अब सुषमा के राजनैतिक गॉडफादर कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी से काफी उम्मीदें थीं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विनोद ने अपनी प्रतिष्ठा लगाकर सुषमा का टिकिट फाइनल करा ही दिया। सुषमा का टिकिट होने से उनके समर्थकों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। जिसका नजारा उनके नामांकन जुलूस में भी देखने को मिला जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी थी।
इसी प्रकार कोंच नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तौसीफ अहमद को घोषित कर सियासी जानकारों को भले ही चौंका दिया हो लेकिन पार्टी के लिए इसे फिलहाल आत्मघाती कदम माना जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने दो टूक इसकी वजह भी बताई, कहा कि दो घंटे पहले तक जो व्यक्ति ‘हाथी’ पर सवारी गांठ रहा हो उसे ‘हाथ’ का सिंबल देकर पार्टी आलाकमान ने कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर वगावती सुर भी फूटने लगे हैं कि आयातित व्यक्ति को टिकिट नहीं मिलना चाहिए था।
गौरतलब है कि टिकिट वितरण में सियासी दलों में कई अप्रत्याशित फैसले हो रहे हैं, कांग्रेस का तौसीफ को कोंच नगर पालिका में अपना प्रत्याशी घोषित करना भी पार्टी आलाकमान का कुछ इसी तरह का फैसला माना जा रहा है। इसकी वजह भी है, तौसीफ अपना टिकिट फाइनल होने के दो घंटे पहले तक ‘हाथी’ पर सवारी गांठे हुए थे लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने बतौर प्रत्याशी तौसीफ का नाम घोषित कर दिया जिससे पार्टी में भी वगावती सुर फूट पड़े हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि आलाकमान ने उनके ऊपर एक तरह से स्काई लैब प्रत्याशी थोप दिया है जिससे कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है और ऐसी स्थिति में अन्य प्रत्याशियों का अगर वे समर्थन करते हैं तो कोई ताज्जुब नहीं है। हालांकि 2012 का निकाय चुनाव तौसीफ की पत्नी सीमा कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर ही लड़ीं थीं लेकिन चुनाव हारने के बाद तौसीफ ने बसपा में अपना आशियाना तान लिया था और रविवार को कांग्रेस का टिकिट मिलने के दो घंटे पहले तक वह ‘हाथी’ की ही सवारी गांठे हुए थे।
तो वहीं साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा से प्रत्याशी रहीं पूर्व विधायक संतराम कुशवाहा की पुत्रवधू शीतल कुशवाहा अब निकाय चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं।
कोंच पालिकाध्यक्ष पद के लिए बसपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। बता दें कि बसपा से तौसीफ अहमद भी टिकिट मांग रहे थे लेकिन उनकी दावेदारी दरकिनार कर पार्टी आलाकमान ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहीं शीतल पर ही भरोसा जताया जिसके चलते तौसीफ ने कांग्रेस की ओर दौड़ लगाकर टिकिट की रेस जीत भी ली।