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बेवा महिला द्वारा भरण पोषण के लिए दायर वाद में ससुर की अचल संपत्ति नीलाम

दो दशक पूर्व पति की मौत के बाद विवाहिता ने हर्जा खर्चा के लिए दायर किया था मुकदमा
कदौराफैमिली कोर्ट में बेवा द्वारा ससुरालीजनों पर दायर किये गए हर्जा खर्चा मामले में 21 वर्ष बाद कोर्ट द्वारा जारी आदेश में ससुर की अचल संपत्ति नीलाम कार्यवाही करवाने से हड़कम्प मच गया। आदेश मिलते ही गांव पहुंची टीम द्वारा उक्त अचल संपत्ति की नीलामी करवाई गयी।
ज्ञातव्य हो कि वादिनी जय देवी पत्नी स्व अतर सिंह निवासिनी ग्राम पूरा थाना खन्ना का विवाह 24 वर्ष पूर्व कदौरा क्षेत्र ग्राम इटौरा बावनी निवासी अतर सिंह पुत्र रामनारायण के साथ हुआ था शादी के दो साल बाद पति की मौत के बाद बेवा जय देवी द्वारा अपने मायके क्षेत्र जनपद महोबा कोर्ट से ससुर रामनारायण पर हर्जा खर्चा का केस 22 वर्ष पहले सन 2001 में केस दायर किया था उक्त विचाराधीन मामले में वर्ष 2016 में महोबा फैमिली कोर्ट द्वारा उक्त प्रतिवादी द्वारा निर्धारित मासिक हर्जा खर्चा की रकम जमा न करने पर कुल 7 लाख 90 हजार की रकम वादिनी हित मे जमा करने के आदेश देते हुए मुकदमे को जनपद जालौन फैमिली कोर्ट ट्रांसफर किया गया इसके बाद जनपद जालौन में जारी मामले में 4 साल बाद भी उक्त रकम ससुर द्वारा जमा न करने पर उसके मकान की नीलामी की मुनादी ग्राम इटौरा बावनी में करवाकर 18 मार्च को कोर्ट से पहुंची टीम द्वारा ससुर रामनारायण पुत्र गुनुआ की अचल संपत्ति आवासीय मकान सहित 2 प्लाटो की नीलामी प्रक्रिया सम्पन्न कराई गयी। जिसमे जिस मकान में महिला का ससुर व जेठ व उसका परिवार रहता है उक्त मकान की नीलामी बोली 3 लाख रुपये यदुराज सिंह यादव निवासी उरई द्वारा तैय की गयी। वही दूसरे प्लाट व मकान की नीलामी बोली डेढ़ लाख में तैय हुई जो कि रमेश यादव पुत्र कंधी यादव निवासी रैला द्वारा बोली गयी। वहीं तीसरे प्लाट की नीलामी जो कि साढ़े तीन लाख में तैय करते हुए सुभाष पुत्र राजेन्द्र यादव द्वारा बोली गयी। वहीं नीलामी प्रक्रिया में कोर्ट अमीन सहित बोलीकर्ता मौजूद रहे। मामले में लड़की पक्ष से यदुराज सिंह यादव व रमेश चन्द्र द्वारा उक्त जानकारी देते हुए नीलामी प्रक्रिया की बात कही गयी एवं बताया कि नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मामले में वादिनी जयदेवी को कोर्ट द्वारा निर्धारित हर्जा खर्चा की एकत्र राशि 7 लाख 90 हजार अचल संपत्ति नीलाम कर देने की बात कही गयी। वही नीलामी प्रक्रिया में बोली कर्ता 3 गुटों में मौजूद रहे। जिनसे 10 हजार रुपये प्रति गुट से सिक्योरिटी बतौर जमा कराए गए एवं बोली पूर्ण होने के बाद अमीन काजीउल्ला द्वारा 3 प्लाट व मकान की कुल बोली का 8 लाख रुपये में 2 लाख एडवांस जमा करने की बात बोलीकर्ता रमेश चन्द्र द्वारा कही गयी।

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