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हरी मटर की फली की पैकिंग का वजन कम होने पर किसानों को मिल सकता उचित लाभ

जालौन के व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम से मिलकर दिये सुझाव

जालौन (बृजेश उदैनिया) हरी मटर की पेकिंग का वजन कम होने पर ही किसानो को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल सकता है। उक्त बात व्यापारियो के एक प्रतिनिधि म़डल ने उपजिलाधिकारी से भेट कर अपने सुझाव साझा किये।
हरी मटर फली व्यापार संघ का एक प्रतिनिधिमंडल इकबाल मंसूरी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी शना अख्तर मंसूरी एवं मंडी सचिव वीरेंद्र से गुरूवार को मिलकर हरी मटर की फली के भाव किसानो उचित मिल सके इस संबंध में निम्न बिंदुओं पर चर्चा की। व्यापारी प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि जनपद जालौन की फली का व्यापार अभी इसलिये प्रभावित हो रहा है क्योंकि यहां की पैकिंग 75 से लेकर 95 किलो तक होती है। जिसमें पैकिंग के कारण बाहर की मंडियों में यहां की मटर सस्ती बेची जा रही है। देश के अन्य प्रदेशों में जहां-जहां पर भी हरी मटर की फसल होती है। उन सब जगह पर 45 से लेकर 50 किलो तक की पैकिंग होती है। पैकिंग के कारण यहां का व्यापार प्रभावित हो रहा है। इससे यहां के किसानों का भी बड़ा नुकसान हो रहा है। आज मंडी व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी से अनुरोध किया कि यहां की भी पैकिंग को 40 से 50 किलो तक करवा दिया जाए तो किसानो की हो रही बड़ी हानि को रोका जा सकता है। इस मौके पर सुलेमान राईन, नरेंद्र महाराज, क्षतपाल कुशवाहा, पंकज गुप्ता, हकीम राईन, टिंकू राईन, सोहराब राईन, जमालु राईन, बबलू मंसूरी, वाहिद राईन, सहित व्यापारीगण मौजूद रहे।

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