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जनपद को टीबी मुक्त बनाने में मेडिकल कॉलेज भी आया आगे, कॉलेज के प्राचार्य सहित फैकल्टी व चिकित्सक लेंगे क्षय रोगियों को गोद

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने पांच क्षय रोगियों को गोद लेने की बात कही

उरई/जालौनराष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कोर कमेटी की बैठक राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ डी नाथ ने बताया कि ओपीडी में आने वाले लोगों की लक्षणों के आधार पर टीबी की जांच कराना सुनिश्चित करें। ओपीडी के सापेक्ष टीबी के रेफरल केसों की संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने मेडिकल कालेज के फैकल्टी और चिकित्सकों से क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया। साथ ही खुद भी पांच रोगियों को गोद लेने की बात कही।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि जनवरी से अब तक मेडिकल कालेज से संबंधित क्षय रोगियों का डाटा प्रस्तुत किया और कहा कि इसमें रेफरल केसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज में क्षय रोगियों की ट्रूनेट मशीन से जांच कराना सुनिश्चित किया जाए।
मेडिकल कालेज में टीबी के नोडल अधिकारी डॉ विशाल अग्रवाल ने बताया कि मेडिकल कालेज में स्थित नोडल डीआर टीबी सेंटर में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जो चिकित्सक और स्टाफ के पद रिक्त है, उन्हें भरने की भी प्रक्रिया जारी है।
डब्लूएचओ के झांसी मंडल के सलाहकार डॉ एजिल अरासन ने बताया कि क्षय उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग सक्रियता से काम कर रहा है। इसमें सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कालेज प्रशासन मिलकर काम करें। जिससे अधिक से अधिक क्षय रोगियों को क्षय रोगियों को चिह्नित कर उनका उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रशांत निरंजन, डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह के अलावा मेडिकल कालेज के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और टीबी विभाग के अनुराग अग्रवाल, आलोक मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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