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पेड़ कटान के मामले में प्रधान को हिरासत में लेना पुलिस को पड़ा भारी

बेनीगंज (रितेश मिश्रा) पुलिस को पेड़ कटान के मामले में प्रधान को हिरासत में लेना मंहगा पड़ गया। इससे गुस्साई दशहरी किसान यूनियन ने बीते बुधवार की रात कोतवाली को घेर लिया। काफी देर तक नारेबाज़ी होती रही। मौके की नजाकत को देखते हुए पहुंचें सीओ हरियावां परशुराम सिंह को बताया गया कि स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ से हरे भरे नीम के पेड़ का कटान हुआ था। इस पर सीओ ने एसपी राजेश द्विवेदी को मामले से अवगत कराया व एसपी के आदेश पर दो हल्का सिपाहियों को लाइन हाज़िर करते हुए हिरासत में लिए गए प्रधान को रिहा किया गया।

दरअसल मामला कुछ इस प्रकार से था, अहिरोरी ब्लाक के संदाना गांव में दो दिन पूर्व में कटान हुआ था।भुड़हरिया गांव के तारानाथ ने प्रधान सुरेश चंद्र वर्मा के खिलाफ पुलिस को शिकायत की गई इस तहरीर पर पुलिस ने प्रधान सुरेश चंद्र वर्मा को हिरासत में ले लिया। इसका पता होते ही दशहरी किसान यूनियन में उबाल आ गया। क्योंकि किसान यूनियन ने कुछ ही दिन पूर्व में प्रधान को अपने संगठन का सदस्य बनाया था। बुधवार को यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव की अगुवाई में सैकड़ों महिला पुरुष किसानों ने बेनीगंज कोतवाली को घेर लिया। किसानों का कहना था कि पुलिस की सांठ-गांठ से ही पेड़ का कटान हुआ था। लेकिन मोहरा प्रधान को बनाया जा रहा है। किसानों ने कोतवाली के बाहर काफी देर हंगामा करते हुए ज़ोरदार नारेबाज़ी की। गुस्साए किसान एसएचओ के तबादले की मांग पर अड़ गए। इसी बीच मौके पर पहुंचें सीओ हरियावां परशुराम सिंह ने जब किसानों से बात की, तो सारी हकीकत समझते उन्हें देर नहीं लगी। सिपाही राजेन्द्र कुमार व पुष्पेन्द्र कुमार के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें उपरोक्त मामले में वहां जाने के लिए पहले ही मना किया गया था। \

चूंकि मामला ग्राम समाज की ज़मीन का था, ऐसे में वहां प्रधान जोकि मुखिया होता है या वन विभाग को कार्रवाई करनी थी। एसपी के आदेश पर दोनों सिपाहियों को लाइन हाज़िर करते हुए प्रधान को हिरासत से रिहा करने का फरमान जारी किया गया। तब जाकर किसानों ने धरना प्रदर्शन समाप्त कर अपने अपने घरों को कूच किया। वही मामले को रफा-दफा करने की व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखते हुए उक्त संदाना हल्का 01 दरोगा रमेश चंद्र यादव ने नीम पेड़ की जड़ खुदाई प्रारंभ करा दी जिस पर ग्रामीणों ने आपत्ती जताई पूछे जाने पर हल्का दरोगा के अनुसार पेड़ के जड़ ठूंठ की खुदाई नहीं कराई गई है ठूंठ की नाप ली जा रही है। क्योंकि प्रधान पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जबकि मौके पर प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नीम के पेड़ की जड़ को पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि धरना प्रदर्शन में शामिल किसान प्रधान के गांव से ही आए थे। वही जन चर्चा के दौरान प्राप्त हुई जानकारी अनुसार लाइन हाजिर दोनों सिपाहियों द्वारा पहले भी कई निर्दोषों को अवैध शराब मामले में सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है।

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