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संचारी रोग अभियान में खोजे गए 40 क्षय रोगी और 20 कुपोषित बच्चे

उरई/जालौन। जुलाई माह में एक से 31 जुलाई तक संचारी रोग दस्तक अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 40 संभावित क्षय रोगी और 20 कुपोषित बच्चों को खोजा है। जिन्हें इलाज के लिए संदर्भित करने के बाद उनका इलाज भी शुरू हो गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने अभियान की सफलता के लिए टीमों को बधाई देते हुए आगे भी इसी तरह काम करने को कहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जुलाई माह में बारिश होने के कारण बीमारियां फैलने की संभावना रहती है। बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने और बीमारों का समय से इलाज करने के लिए शासन के निर्देश पर एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान चलाया गया था। इसमें 1 से 15 जुलाई तक जागरूकता कार्यक्रम किए गए। जबकि 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान के तहत घर घर जाकर टीमों ने संभावित मरीजों की खोज की। अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर निकाय, पंचायती राज विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास, पशुधन विभाग, शिक्षा विभागों का सहयोग लिया गया था। अभियान की रोजाना ब्लाक स्तर से लेकर जिला स्तर तक मानीटरिंग की गई। उन्होंने लोगों से स्वच्छता अपनाने, अपने आसपास गंदगी न पनपने देने, खानपान अच्छा रखने को कहा है।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. जीएस स्वर्णकार ने बताया कि अभियान के लिए 1231 आशा वर्कर और 1411 आंगनबाड़ी वर्कर को लगाया गया था। टीमों ने 944 घरों में जाकर 3733 बर्तनों (पात्रों) की जांच गई। इसमें सात ऐसे पात्र मिले, जिसमें मलेरिया पनपने की संभावना थीं। 93 पात्रों को खाली कराया गया। तीन लोगों को नोटिस नगर पालिका के माध्यम से जारी किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान में टीमों ने 40 संभावित क्षय रोग से पीड़ित मरीजों की खोज की है। कोरोना संभावित पांच मरीज खोजे गए हैं। 20 कुपोषित बच्चों की खोज की गई। 162 मरीज बुखार से पीड़ित मिले। 132 मरीजों की मलेरिया स्लाइड बनाकर जांच की गई। इसमें माधौगढ़ क्षेत्र में एक मलेरिया का मरीज मिला।

कदौरा ब्लॉक की महिला लाभार्थी ने बताया कि उसे हल्का बुखार रहता था। कमजोरी भी बनी रहती थी। दस्तक अभियान की टीम जब आई तो मैंने पूरी बात बताई। टीम ने सीएचसी में टीबी की जांच करवाने की सलाह दी। जांच में टीबी की पुष्टि हुई। इसके बाद टीबी सुपरवाइजर ने मेरा पंजीकरण कर मुझे मुफ्त दवा दिलवाई।

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