खुशखबरी ! पान कुमारी बनीं कनासी की प्रधान…!

कोंच (पीडी रिछारिया)। विकास खंड नदीगांव की कनासी ग्राम पंचायत में हुए प्रधान पद के उपचुनाव में शुक्रवार को खंड विकास कार्यालय में हुई मतगणना में पान कुमारी ने बड़ी जीत हासिल कर छोटी सरकार की बागडोर संभाल ली है। इस उपचुनाव में चार प्रत्याशी मैदान में थे जिसमें पान कुमारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कस्तूरी को 24 वोटों के अंतर से हराकर प्रधानी अपने नाम कर ली। इस जीत को विरोधी हजम नहीं कर पा रहे थे सो उन्होंने राजनैतिक रसूख का भी जमकर इस्तेमाल किया और कई बार रीकाउंटिंग भी कराई गई लेकिन पान कुमारी को हराने के उनके मंसूबे पूरे नहीं हो सके।
खंड विकास कार्यालय में शुक्रवार सुबह आठ बजे से मतगणना का काम भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ। अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कनासी प्रधान पद के उपचुनाव में चार प्रत्याशी पान कुमारी, कस्तूरी देवी, माया देवी व सावित्री देवी चुनाव मैदान में थीं जिसमें मुख्य मुकाबला पान कुमारी और कस्तूरी देवी के बीच ही था। आरओ सत्यम त्रिपाठी व एआरओ हरीदास यादव की देखरेख में शुरू हुई मतगणना में पान कुमारी को 498 वोट मिले जबकि कस्तूरी देवी को 474 वोट मिले, जबकि माया देवी को 4 तथा सावित्री को 10 वोट मिले एवं 17 वोट अवैध रहे। इस प्रकार पान कुमारी ने 24 वोटों के अंतर से कस्तूरी को हराकर प्रधानी अपने नाम कर ली। इस दौरान एसडीएम कृष्ण कुमार सिंह, सीओ शैलेंद्र कुमार वाजपेयी लगातार स्थिति पर नजर रखे रहे। इसके अलावा भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कोंच, कैलिया, नदीगांव और रेंढर थानों का पुलिस फोर्स मतगणना समाप्त होने और विजयी प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र मिलने तक ब्लॉक परिसर में तैनात बना रहा।
बहुत ही गरीब मजदूर हैं पान कुमारी –
कनासी ग्राम प्रधान पद पर चुनाव जीतीं पान कुमारी की पारिवारिक पृष्ठभूमि की अगर बात करें तो वह निहायत ही गरीब मजदूर परिवार से हैं। खुद खेतों में मजदूरी करतीं हैं और पति दीने एक बैंड कंपनी में बाजा बजाता है। पति-पत्नी मिल कर घर गृहस्थी की गाड़ी खींचते हैं।
पान कुमारी के दो बेटे और दो ही बेटियां हैं। एक बेटे और दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि छोटा बेटा कुआंरा है। मंहगाई के इस दौर में घर चलाने के लिए गांव में मजदूरी से मिलने वाले पैसे कम पड़ते हैं सो दोनों बेटे गैर प्रांत में पानी पूरी का धंधा करते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में सैकड़ों गरीबों को आवास के लिए पैसा मिला लेकिन पान कुमारी इस इमदाद से भी वंचित रहीं जिसके चलते वह कच्चे घर में रहने को मजबूर हैं।