श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन पर निकली गई भव्य कलश यात्रा

कदौरा (जालौन) कस्बे के बस स्टैंड पर भागवत कथा का शुभारंभ हुआ जिसमें कथा से पहले कलश यात्रा निकाली गई। जो विभिन्न स्थानों से होकर वापस कथा स्थल पर सम्पन्न हुई। जिसमें भारी संख्या में भक्त मौजूद रहे।
शुक्रवार को भागवत कथा का शुभारंभ होते ही महाराज सदाशिव आचार्य ने कहा कि मन की अनुकूलता ही सुख है मन की प्रतिकूलता ही दु:ख है, इसलिए जरूरी है कि हम मन को वश में रखें,कथा में उन्होंने कहा कि भक्त के जीवन में जो मिला है, उसे सहर्ष स्वीकार कर लेने की मस्ती होनी चाहिए, जब हम प्रत्येक परिस्थिति में आनंद लेना सीख लेंगे तो वह आनंद हमसे कोई नहीं छीन सकेगा,संसार में रहकर जब तक जीव अपनी लौकिक कामनाओं का त्याग नहीं करता है तब तक उसे शांति नहीं मिल सकती इसलिए अगर इच्छा करनी ही है तो ईश्वर की करनी चाहिए दूसरी इच्छा तो दुख की जननी है, व्यास जी कहते हैं कि ईश्वर की कृपा किसी पर कम या अधिक न होकर समान होती है, जब हमारी अपेक्षाएं, कामनाएं, एवं इच्छाएं बढ़ जाती है और उस कामनाओं की पूर्ति नहीं होती है तो हम कहते है कि परमात्मा की कृपा हम पर कुछ कम हो गई है। इस दौरान, वीर सिंह यादव, रवि गुप्ता, आकाश शिवहरे, गुड्डू सिंह, सत्यम तिवारी, शरद बुधौलिया, शिवा यादव, अर्पित सोनी, सौरव सोनी, श्याम बिहारी बाबा आदि भक्त मौजूद रहे।