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विश्व विद्यालय एक ऐसा पोर्टल बनाये जिसमें विश्व स्तर के चिकित्सक इलाज की नई तकनीक में अपनी राय दे सकें : राज्यपाल

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ का 17 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
लखनऊ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के 17वें दीक्षांत समारोह में कोविड प्रोटोकॉल के साथ सहभागिता करते हुए 42 मेधावियों को मेडल प्रदान किये। जिनमें 18 छात्र एवं 24 छात्राएं शामिल हैं। राज्यपाल ने छात्राओं द्वारा अधिक पदक प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमे इस बात का भी परीक्षण करना चाहिए कि छात्रों द्वारा कम संख्या में पदक क्यों प्राप्त किये जा रहे है। साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर होते हैं। क्योंकि यह उनके वर्तमान कार्यों की समाप्ति और अपने सपनों को आकार देने के लिए एक नये अध्याय की शुरूआत का अवसर होता है। डाक्टरी की पढ़ाई सिर्फ जीविकोपार्जन और व्यक्तिगत उन्नति का आधार ही नहीं बल्कि मानवता की सेवा करना भी होना चाहिए। इसलिए यहां से पदक और उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राएं मानवता की सेवा में लगकर इस चिकित्सा संस्थान का गौरव बढ़ाएं। कुलाधिपति ने चिकित्सकों से कहा कि वे मरीजों का भरोसा जीतें, गरीबों की सेवा करें। डॉक्टर के पास आने वाला मरीज पीड़ा, तनाव और संकट के दौर से गुजर रहा होता है। ऐसे में चिकित्सक का कुशल व्यवहार उसे ताकत देता है। इसलिए चिकित्सक को हमेशा संवेदनशील होना चाहिए।

राज्यपाल ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय जॉर्जियन परिवार से अपील की कि वे एक ऐसा पोर्टल बनाएं, जिसमें दुनिया भर में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करने वाले जॉर्जियन अपनी राय और तकनीक साझा कर सकें, इससे इलाज की नई तकनीक का प्रसार होगा और लाखों मरीजों को इसका फायदा मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में केजीएमयू जैसे सार्वजनिक अस्पतालों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। लेकिन कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। ओमीक्रॉन के रूप में कोरोना का तीसरा रूप हम सभी के सम्मुख है। इसलिये आपकी जिम्मेदारियां और बढ़ गई हैं। इसलिये चिकित्सकों और मेडिकल स्टॉफ को पूर्व की ही भांति पूरी तत्परता से काम करना होगा। मास्क और सामाजिक दूरी हमारी सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इसलिये सावधान और सतर्क रहें। दूसरों को बचाये और खुद भी बचें। राज्यपाल ली ने इस अवसर पर चीफ साइंटिस्ट डॉ0 सौम्या स्वामीनाथन को डाक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की तथा सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों को पठन-पाठन सामग्री भेंट की। चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्रोें के लिए यह एक विशेष अवसर है अब आप सामाजिक जीवन में प्रवेश कर रहे है, आपका दायित्व है कि मानव मूल्यों एवं नैतिकता को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि परहित से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। इसलिये आत्मविश्वास केे साथ आगे बढ़ें तथा अपने आचरण एवं व्यवहार से मरीजों का दिल जीतें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ0 विपिन पुरी ने विश्वविद्यालय की शैक्षिक उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।इस अवसर पर दीक्षान्त समारोह में विशिष्ट अतिथि एवं माननीय वित्त, चिकित्सा एवं प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री श्री संदीप सिंह, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. विनीत शर्मा, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

(न्यूज़ एजेंसी)

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