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एड्स से पीड़ित मरीजों के साथ भेदभाव करने पर हो सकती है जेल, देना पड़ सकता है जुर्माना : रेनू यादव

उरई (जालौन) आज ‘‘विश्व एड्स दिवस‘‘ पर जिला अस्पताल परिसर में आयोजित शिविर में एचआईवी से बचाव के सम्बन्ध में कानूनी जानकारी देते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेनू यादव द्वारा बताया गया कि एचआईवी जनित बीमारी एड्स छुआ-छूत का रोग नहीं है। इससे पीड़ित मरीजों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिये। उनके साथ रोजगार अथवा शिक्षा तथा अन्य क्षेत्रो में भी भेदभाव करना कानूनन जुर्म है और यह ‘‘एचआईवी तथा एड्स (प्रतिशेध एवं नियन्त्रण) एक्ट-2017‘‘ के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। इस अपराध में 3 माह से लेकर 2 वर्ष तक की सजा व एक लाख रू0 तक के जुर्माना का प्रावधान है। इसके रोगी को बिना उसकी सहमति के जांच/उपचार के लिये विवश नहीं किया जा सकता है। ऐसे पीड़ित व्यक्ति का उपचार करने से अस्पताल मना नहीं कर सकते। उन्होंने इस अधिनियम की विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ नोवेल कोरोना वायरस से जनित बीमारी कोविड-19 से बचाव के विभिन्न उपाय भी बताये। उन्होंने भ्रान्तियों से बचने की सलाह देते हुये लक्षित समूह की उपस्थित महिलाओं को बताया कि एचआईवी जनित बीमारी एड्स साथ खाने-पीने, हाथ मिलाने अथवा एक-दूसरे के कपड़े इस्तेमाल करने से नहीं होती है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के प्लान ऑफ एक्शन के अन्तर्गत माननीय जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना के निर्देशन में ‘विश्व एड्स दिवस‘ के अवसर पर मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय उरई में आज इस विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था। मुख्य विकास अधिकारी डा. अभय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो तीन मुख्य कारणों से होती है। इनमें असुरक्षित यौन सम्बन्ध, संक्रमित रक्त के आदान-प्रदान एवं संक्रमित माता द्वारा उसके शिशु में संचरण प्रमुख है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। इस कारण यह बीमारी प्रारम्भिक चरण में पकड़ में नहीं आ पाती है तथा शरीर अन्य रोगों के सम्पर्क में आसानी से आ जाता है। इस कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. सुग्रीव बाबू, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला पुरुष चिकित्सालय डाॅ. अविनेश कुमार बनौधा, सीएमएस महिला चिकित्सालय डा. एसकेपाल, डाॅ. अजय यादव, एएचएस श्रीमती कमलेश वर्मा, काउन्सलर श्वाती वर्मा, अर्चना देवी, अर्चना सिंह, रेखा कुशवाहा, प्रीती सिंह,बन्दना बरार, रश्मि श्रीवास्तव, डीएलएसए रीडर अश्वनी कुमार मिश्र, पीएलवी टीम लीडर अनुराग स्वर्णकार, महेन्द्र कुमार मिश्रा, रामदेव चतुर्वेदी, करन सिंह यादव, धर्मेन्द्र कुमार, इरफान मंसूरी, गजेन्द्र कुमार एवं श्रीमती मनीशा चतुर्वेदी, अलका भारती, दीक्षा तिवारी समेत दर्जनों स्त्री-पुरुष उपस्थित रहे।

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