खाद की किल्लत से किसान अभी भी परेशान, बिक्री केंद्रों के बाहर लगी लंबी लाइनें

कोंच (जालौन) सरकार किसानों को हर संभव मदद देने के लाख दावे करती रहे लेकिन धरातल पर स्थिति काफी विकट है। इन दिनों किसानों को एक एक बोरी खाद लेने के लिए जद्दोजेहद करनी पड़ रही है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सहकारी समितियों से लेकर अन्य खाद वितरण केंद्रों में फसल बुबाई के समय पहले डीएपी और अब फसल सिंचाई के समय यूरिया खाद की किल्लत इस कदर है कि किसान केंद्रों के बाहर अपनी बारी जल्दी आ जाने के चलते आधी रात से ही लाइन में खड़े हो जाते हैं। खेतों में बोई गईं गेहूं, मटर, चना, मसूर आदि फसलों की बुवाई के समय डीएपी और सिंचाई के बाद यूरिया खाद की आवश्यकता है लेकिन किसानों को खाद प्राप्त करने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वहीं आवश्यकतानुसार खाद की बोरियां प्राप्त न होने से अब किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश भी देखा जा रहा है। जुझारपुरा सहकारी समिति, सहकारी क्रय विक्रय समिति, पीसीएफ केंद्र, साधन सहकारी समिति अंडा मंडी कोंच सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खाद खरीदने के लिए किसान परेशान हैं लेकिन नाममात्र के ही किसानों को खाद उपलब्ध हो पा रही है। किसानों द्वारा केंद्रों के कर्मचारियों पर परिचितों को आसानी से मनमाफिक खाद देने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। वहीं केंद्र प्रभारियों का कहना है कि स्टॉक के हिसाब से आधार कार्ड देखकर नियमानुसार खाद बांटी जा रही है।