व्यापारियों के लिए तबाही का कारण बनी नोटबंदी : मनोज इकड़या

कोंच। केंद्र की मोदी सरकार ने पांच साल पहले आज ही के दिन रात आठ बजे एक हजार और पांच सौ के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिए जाने को लेकर सपा व्यापार सभा ने नोटबंदी की पांचवीं बरसी मनाई और मानिकचौक बाजार में धरना देकर सरकार को कोसा। सपा व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष मनोज इकड़या ने कहा कि नोटबंदी व्यापारी वर्ग की तबाही और बर्बादी का कारण बन कर आई थी जिससे अभी तक व्यापारी उबर नहीं पाए हैं।
सपा व्यापार सभा के प्रदेशीय नेतृत्व के आह्वान पर सोमवार को मानिक चौक बाजार में जुटे सपा व्यापार सभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सरकार के कामकाज से नाइत्तेफाकी जताते हुए धरना दिया। यह धरना मुख्य रूप से नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर काला दिवस के रूप में मनाते हुए दिया गया। बरिष्ठ सपा नेता सरनामसिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज ही के दिन अपना गैरजिम्मेदाराना और तुगलकी फरमान जारी कर हजार और पांच सौ के नोटों को चलन से बाहर का रास्ता दिखा कर व्यापार कार्य में लगे लोगों की रीढ तोड़ने का काम किया था। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि जब नोटबंदी हुई तब हजार और पांच सौ के 99.3 फीसदी नोट बापिस आ गए थे और उस वक्त जीडीपी में दो प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ भारत सरकार को 3 लाख 50 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था। लाखों नौकरियां चली गई, छोटे और मंझोले उद्योग धंधे बंद हो गए और बेरोजगारी में सौ फीसदी तक की बढोत्तरी दर्ज की गई। राजेंद्र चमरसेना, प्रमोद शुक्ला और प्रतिपालसिंह गुर्जर ने मंहगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकारी नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी है। हत्या, लूट, बलात्कार, किसानों की बर्बादी जैसे मुद्दों पर भी सपाइयों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अभी जो बर्बाद हुए हैं वे 2022 के चुनाव में भाजपा को बर्बाद कर देंगे। इस दौरान सरनामसिंह यादव, मनोज इकड़या, प्रतिपालसिंह गुर्जर, राजेंद्र चमरसेना, प्रमोद शुक्ला, राकेश अग्रवाल, देवेंद्र यादव, संदीप अग्रवाल, अजय गोयल, ताहिर कुरैशी, रवि यादव, हरिबाबू, राजेंद्र, गोपाल गहोई, यज्ञेश पाल, मूलचंद्र अग्रवाल, रंजीत कुशवाहा, प्रभुदयाल, शफाकत अली, शांतनु यादव, कमलेश पाटकार, संदीप पाटकार आदि मौजूद रहे।