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मीडिया व्यवहार परिवर्तन का सशक्त माध्यम : सीएमओ

सीफार के सहयोग से स्वास्थ्य संचार एवं पोषण पर कार्यशाला
छोटी छोटी अनदेखी से मिलता है संक्रामक रोगों को फैलने का मौका
उरई (जालौन) स्वास्थ्य एवं पोषण संचार सुदृढ़ीकरण के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में गुरुवार को मीडिया कार्यशाला का आयोजन स्थानीय एक होटल में किया गया। सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं के बारे में मीडिया को विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने कहा कि संक्रामक रोग हों या गैर संचारी रोग, इनके प्रति लोगों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। छोटी-छोटी अनदेखी की वजह से संक्रामक रोगों को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल सभी ने देखा है और ज्यादातर लोगों ने अपने करीबियों को या फिर मिलने वालों को इस महामारी में खोया है, यह नौबत भी अनदेखी के कारण आई। संक्रमण के दौर में लोग जिस तरीके से बेखौफ होकर निकले, उससे दूसरी लहर में ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भी कोरोना को लेकर लोगों में भ्रांतियां है, जिन्हें दूर करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

आरसीएच के नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएमएसएमए मनाया जाता है। इस दिन गर्भवती की प्रसव पूर्व जांचें की जाती हैं। जोखिम भरी गर्भावस्था से गुजरने वाली महिलाओं को चिन्हित कर लिया जाता है ताकि प्रसव के समय किसी किस्म का कोई जोखिम न हो।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीव बाबू ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। जिले में 10 ट्रीटमेंट यूनिट हैं और 19 जांच केंद्र हैं और जिला अस्पताल में सीबी नॉट मशीन से जांच की व्यवस्था है। जिले में टीबी रोग पर भी व्यापक रूप से नियंत्रण पा लिया गया है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव प्रभाकर ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान जनपद के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार और निगरानी के लिए दो अस्पतालों और लॉज, होटलों में इंतजाम किए गए। जनपद के स्वयंसेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस काल में बहुत मदद की। उन्होंने कहा कि जनपद में 12.94 लाख के सापेक्ष अब तक 801987 लोगों को कोरोना का पहला डोज लगाया जा चुका है। संभावित तीसरी लहर से निपटने के सारे इंतजाम हैं। लोग कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते रहे। हम कोरोना को हराने की तरफ बढ़ रहे हैं।

कार्यशाला का संचालन कर रहे जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) प्रेमप्रताप सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की तमाम योजनाओं के बारे में जानकारी दी। सीफार की मण्डलीय कोआर्डिनेटर सोनम राठौर ने सीफार संस्था की गतिविधियों और कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला में परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ.एसडी चौधरी, सीडीपीओ विमलेश आर्या, यूनिसेफ के प्रतिनिधि रजनीश गुप्ता, डीसीपीएम धर्मेंद्र, टीएसयू से ज्ञानप्रकाश, क्वालिटी मेंटर डॉ.अरुण, आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर रविंद्र, अर्बन कोआर्डिनेटर संजीव चंदेरिया सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

पोषण का डायनामाइट है सहजन –
कार्यशाला में पोषण के मुद्दे पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने कहा कि सहजन पोषण का डायनामाइट है। उन्होंने पोषण वाटिका पर जोर देते हुए कहा कि कुपोषण से निपटने का यह कारगार साधन साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुपोषण एक चक्र की तरह है, जो एक बार इसकी गिरफ्त में आ जाए और उसका उपचार न हो तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था से ही देखभाल और खानपान पर ध्यान रखकर कुपोषण को हराया जा सकता है। स्वस्थ व्यक्ति ही अच्छे समाज के निर्माण में सहायक है। उन्होंने स्वच्छता पर भी जोर दिया।

सौ करोड़ टीके पर दी गई बधाईयां
गुरुवार को ही देश ने कोविड-19 टीकाकरण में सौ करोड़ डोज का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस उपलब्धि पर कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीडिया कर्मियों और सीफार की टीम को बधाई दी। सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करने में हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, मीडिया और समाजसेवी संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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