जब कोंच तहसीलदार ने चलाई लाठी, पीड़ित ने दिया शिकायती पत्र

उरई (जालौन) गुरुवार को कोच निवासी पीड़ित रामखेलावन पुत्र केदार नाथ निवासी मोहल्ला मथुरा प्रसाद महाविद्यालय उरई रोड कोच ने जिला मुख्यालय उरई में जिला अधिकारी को संबोधित अपना शिकायती पत्र दिया।
जिसमें पीड़ित ने दिए गए शिकायती पत्र के संबंध में बताया कि 14 फरवरी 2011 को माँ हुल्का देवी ट्रेडर्स के नाम से एक फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन कुछ कारणवश वह फार्म चालू नहीं हो सकी। जिसकी वजह से उक्त फर्म का रजिस्ट्रेशन वाणिज्य कर कार्यालय उरई में सरेंडर कर दिया था लेकिन वाणिज्य कर विभाग द्वारा 2014 व 15 का टैक्स वसूली हेतु 11 जनवरी 2019 में पीड़ित के विरुद्ध नोटिस जारी कर दिया लेकिन नोटिस की प्रति पीड़ित को नहीं मिली जिसकी जानकारी होने पर प्रार्थी 24 सितंबर 2021 को वाणिज्य कर कार्यालय गया और उक्त रिकवरी को निरस्त कराने हेतु प्रार्थना पत्र भी दिया जिसके बाद वाणिज्य कर अधिकारी द्वारा 27 सितंबर 2021 को आदेश जारी कर प्रार्थी के विरुद्ध जारी रिकवरी को निरस्त कर दिया गया।
इस दौरान प्रार्थी ने बताया कि 28 सितंबर 2021 सुबह 10:30 बजे तहसीलदार कोच श्री नरेंद्र कुमार अपने साथ आठ से 10 लोगों को लेकर प्रार्थी के दरवाजे पर आ गए और आते ही अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे जिसके बाद पीड़ित ने अभद्र भाषा बोलने का कारण पूछा तो तहसीलदार गाली गलौज करते हुए तीन लाख की रिकवरी का मामला बताया जिस पर पीड़ित ने बताया कि उक्त संबंध में रिकवरी वाणिज्य कर कार्यालय उरई द्वारा निरस्त की जा चुकी है जिस पर तहसीलदार आग बबूला हो गए और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहां की तुम मुझे कानून से खाओगे। साथ ही प्रार्थी ने आरोप लगाते हुए बताया कि तहसीलदार ने मामला एक को निपटाने के लिए तीस हजार की मांग की। जिस पर प्रार्थी ने मना कर दिया। जिससे नाराज तहसीलदार ने अपने साथ आए होमगार्ड से लाठी छीन कर पीड़ित के छोटे भाई बद्री प्रसाद उर्फ नेता को लाठी से मारना शुरू कर दिया। जिसकी वजह से हाथों में गंभीर चोटें आई और तहसीलदार ने प्रार्थी को जबरन गाड़ी में पटक कर कोतवाली ले गए एवं अपने तहसील कार्यालय में ले जाकर हवालात में बंद कर दिया। लेकिन कुछ समय बाद अपनी गलती का एहसास होने पर पीड़ित को हवालात से बाहर निकाल लिया। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा कि तहसीलदार के गैरकानूनी दबंगई से उसकी व उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। इस संबंध में पीड़ित ने उसी दिन थाना कोच में प्रार्थना पत्र देकर रिपोर्ट लिखवाने एवं घायल बद्री प्रसाद की चोटों की डॉक्टरी परीक्षण हेतु प्रार्थना पत्र दिया लेकिन पुलिस द्वारा न तो रिपोर्ट लिखी गई और न ही चोटों के लिए डॉक्टरी परीक्षण को कराया गया। जबकि उस घटना से संबंधित प्रार्थी के पास साक्ष्य मौजूद हैं एवं निरस्त हुई इस रिकवरी की रसीद भी उपलब्ध है अतः शिकायती पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी से मांग की कि उक्त संबंध में पुलिस थाना कोच को आदेशित किया जाए कि उक्त मामले में प्रार्थी की रिपोर्ट लिखकर चोटिल हुए भाई की डॉक्टरी कराई जाए और इस मामले में दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।