नर्सिंग स्टाफ की बेरहमी के चलते घंटों खुले आसमान के नीचे पड़ी चिल्लाती रही गर्भवती

कोंच/जालौन। देहात क्षेत्र से प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंच आई एक गर्भवती महिला नर्सिंग स्टाफ की बेरहमी के चलते वह खुले आसमान के नीचे पड़ी घंटों चिल्लाती रही। इस घटना का किसी ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दिया जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यशैली पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि विकास खंड नदीगांव के गांव महेशपुरा की रहने वाली एक गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए अपने परिजनों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंच में आई थी। महिला को यहां के नर्सिंग स्टाफ ने कोई तबज्जो नहीं दी और न ही भर्ती किया। इस स्थिति में महिला अस्पताल परिसर में खुले आसमान के नीचे घंटों पड़ी तड़पती रही लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों को उस पर तरस नहीं आया। किसी ने इस पूरे मामले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
वायरल वीडियो में साफ है कि उक्त मजबूर दर्द से बिलख रही गर्भवती महिला को बाहर मैदान में खुले आसमान के नीचे लेटना पड़ा। बाहर सर्द हवाएं तीर की तरह महिला को चुभ रही थी लेकिन नर्सिंग स्टाफ को रहम नहीं आया। आशा नामक महिला के साथ आई परिवार की महिलाओं का आरोप है कि उन्होंने तमाम मिन्नतें की कि गर्भवती को भर्ती कर उसका चेकअप कर लें ताकि वे संतुष्ट हो सकें कि कोई दिक्कत नहीं है लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
इस पूरे मामले को लेकर प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश वरदिया का कहना है कि उक्त महिला अपने साथ अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर आई थी जिसके अनुसार उसकी डिलीवरी होने में करीब 20 दिन का समय शेष था। उससे दवा देने की भी बात कही गई थी। सीएचसी में 30 बेड खाली हैं इसलिए उसे बेड पर न लिटाने, जांच न करने का आरोप पूरी तरह निराधार है। अनावश्यक रूप से जांच करने पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। धूप में बैठने की मंशा से ही वह खुले मैदान में जा पहुंची थी।