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प्रदेश सरकार की ओबीपीएएस योजना लॉकडाउन में भी कर रही थी काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की शुरू की गयी ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम (ओबीपीएएस) योजना काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है। इस योजना के शुरू होने के बाद से अब तक अब तक 26 हजार से ज्यादा आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हो चुके हैं और करीब 22 हजार फाइलों की जांच हो चुकी हैं। महामारी कोरोना और उसकी वजह से लगे लॉकडाउन के समय जब हर जगह सिस्टम में बाधा आ रही थी तब भी यह प्रणाली ठीक तरह से अपना काम कर रही थी क्योंकि इसमें कम से कम मानवीय दखल की जरूरत होती है।

उल्लेखनीय है कि यह योजना 2019 में प्रारम्भ की गयी थी। सॉफ्टटेक इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ कॉन्सॉर्टियम में रुद्राभिषेक इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (आरआईपीएल) राज्य में ओबीपीएएस परियोजना पर काम कर रही है। इसके तहत आरआईपीएल विकास प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों को सॉफ्टवेयर पर हैंडहोल्डिंग में सहायता प्रदान करता है और आर्किटेक्ट्स को वांछित प्रारूप में ड्राइंग जमा करने में सहूलियत देता है। एक बार अपलोड होने के बाद सॉफ्टवेयर अपने आप आवेदन की जांच कर मंजूरी देता है। यह फीस भी अपने आप जोड़ लेता है। बिल्डिंग परमिट एप्लिकेशन को स्ट्रीमलाइन करता है और निर्माण के लिए जरूरी मंजूरी प्रदान करता है।

इस सिस्टम से नागरिकों, वास्तुकारों और प्राधिकरण के प्रतिनिधियों को आईसीटी से लैस सर्विसेज मिलती है। यह ऑटोमेटेड सिंगल विंडो सिस्टम है, जिससे बिल्डिंग प्लान की बिना किसी परेशानी के जांच के बाद मंजूरी प्रदान की जाती हैं। इस सॉफ्टवेयर का संचालन और प्रबंधन सॉफ्टटेक इंजीनियर्स के द्वारा किया जा रहा है। ओबीपीएएस सिस्टम से पहले ऑफलाइन मोड में लैंड रेकॉर्ड को मैनेज करने और डिजाइन को मंजूरी दिलाने में कई चुनौतियों और परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इन मुद्दों के अलावा अलग अलग संबंधित अधिकारियों की ओर से नियमों की अलग-अलग व्याख्या की गुंजाइश रहती थी।

इनमें मानक और पारदर्शिता में कमी आती थी जिससे परियोजनाओं को पूरा करने में ज्यादा समय लगता था। प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती थी और पूरी व्यवस्था में कोई पारदर्शिता दिखाई नहीं देती थी। अब यह मुश्किलें और समस्याएं दूर हो गई हैं। इसके साथ ही बिल्डिंग अप्रूवल सिस्टम काफी प्रभावी हो गया है। उत्तर प्रदेश में यह सक्षम ई-गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।

हालांकि कुछ आर्किटेक्ट्स का समूह और उनसे जुड़े लोग इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे स्वाभाविक रूप से पूरे सिस्टम पर अपना एकाधिकार वह खो देंगे। इस नई प्रक्रिया के तहत उनका गैरवांछित प्रभाव भी खत्म हो जाएगा। इस नए सिस्टम से सभी संबंधित एजेंसियां एक ही प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी, जिससे उन लोगों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, जो पुराने सिस्टम से काफी लाभ उठा रहे थे। इसके कारण ये लोग अलग-अलग प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर वह नए ओबीपीएएस सिस्टम को लागू करने का विरोध करने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके अलावा वह मीडिया का अपने मुताबिक प्रयोग कर जमीनी हकीकत को भी गलत रूप से तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। इन सभी निराधार विरोध और कुछ तथ्यहीन आरोपों के बावजूद प्राधिकरण और डिजाइन को लागू करने वाली एजेंसियां राज्य में बिल्डिंग अप्रूवल सिस्टम बनाने और उसे लागू करने के लिए काफी मेहनत कर रही है।       (न्यूज़ एजेंसी)

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