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महाराज खेत सिंह की जयन्ती पर अवकाश घोषित करने की मांग की, दिया ज्ञापन

उरई। हिन्दु हिन्दुत्व पर राजनीति करने वाली पार्टी व उनके नेताओं ने प्रथम स्वतंत्र हिन्दु राष्ट्र के संस्थापक महाराज खेत सिंह खंगार को आजाद भारत से उपेक्षित रखा। सिंह की उपाधि भी सर्वप्रथम खेत सिंह को प्राप्त थी। 27 दिसम्बर को जयन्ती के उपलक्ष्य मे तीन दिवसीय गढ़कुड़ार महोत्सव मनाया जाता है। इसके बाद भी उनकी जयन्ती पर अवकाश घोषित नहीं किया जाता है। जिसको देखते हुये बुन्देलखण्ड खंगार आरख समाज अधिकार मंच ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन को सौपते हुये महाराज खेत सिंह की जयन्ती पर अवकाश घोषित करने की मांग की है।

बुन्देलखण्ड खंगार आरख समाज अधिकार मंच ने प्रधान मंत्री को ज्ञापन भेजते हुये बताया कि हिन्दुत्व पर राजनीति करने वाली पार्टी व उनके नेताओं ने प्रथम स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र के संस्थापक महाराजा खेत सिंह खंगार को आजाद भारत ने उपेक्षित रखा महाराजा खेत संह खंगार जो प्रथम हिन्दू राष्ट्र जुझौतीखंड राज्य वर्तमान (बुन्देलखण्ड) के संस्थापक रहे जिनके द्वारा बुन्देलखण्ड मे कन्या पूजन की प्रथा की नीव डाली गयी थी।

सिंह की उपाधि सर्वप्रथम खेत सिंह खंगार को प्राप्त थी। उनके बाद आज हर जाति धर्म के लोगों के नाम आगे पीछे सिंह की उपाधि से सम्मानित हुये और सिंह शब्द का प्रचलन हुआ। ऐसी कई उपाधि उनके काम थी। जिसके शासन काल मे जल्थन, जल संस्थान, जल संचयन, प्रकिया को प्रजा मे प्रमोद करने का काम किया गया है और आज भी सिन्दूर तालाब, गढ़कुंडार जैसे अनेका अनेक बावड़ी, कुआ तालाब खुदवाया बनवाया गया।

बुन्देलखण्ड मे आज भी प्राचीनकाल के अधिक जल संसाधन पाये जाते है जो आज जन भावनाओं और जनसेवा के लिये उपयोगी बने हुये है। महाराजा खेत सिंह खंगार ने प्रजा, धर्म रक्षा के लिये प्रथ्वीराज चौहान की साझेदारी मे अनेक युद्ध लड़े थे। खेत सिंह खंगर ने जुझोतिखंड को स्वतंत्र हिन्दू गड़ राज्य घोषित कर दिया था। इनकी जन्म जयन्ती सन 1140 ई मे 27 दिसम्बर को हुआ था। उसी के उपलक्ष्य मे महाराजा खेत सिंह 27 दिसम्बर जयन्ती के उपलक्ष्य मे मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग के द्वारा सरकार उत्सव राशी के माध्यम से तीन दिवसीय गढ़कुंड़ार महोत्सव मनाया जाता है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्रियों के द्वारा अनेक बार संबोधन व्यानों मे सुना गया है कि मध्यप्रदेश के जूनियर शिक्षा पाठयक्रमों मे महाराजा खेत सिंह खंगार की जीवनी को प्रकाशित किया जायेगा लेकिन अभी तक ऐसा नही हुआ है। इस मौके पर अमित खंगार, लाखन सिंह खंगार, रमाकांत सिंह, धर्मेश सिंह खंगार, सुरेश व्यौना, रामबाबू खंगार, अनन्तराम आदि मौजूद रहे।

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