कुतुबमीनार से भी ऊंची अद्भुत कलाकृति का बेजोड़ नमूना है कालपी की लंका मीनार

कालपी (योगेश द्विवेदी)। भले ही अपने भारत भ्रमण कर देश भर के पर्यटक स्थल घूमें तमाम अजूबों स्थापत्य काल की कृतियां देखी पर यदि आपने जनपद जालौन के नगर कालपी में स्थित अद्भुत अलौकिक लंका मीनार को नहीं देखा तो समझिए आपका भारत दर्शन अधूरा है।
उक्त मीनार को लंकेश रावण के परम भक्त जो रामलीला में रावण का अभिनय करते थे बाबू मथुरा प्रसाद निगम ने 1857 में 175000 रूपये की लागत से लंका मीनार का निर्माण कराया था। लंका मीनार की ऊंचाई 175 फीट है जो कुतुबमीनार से भी अधिक ऊंची है। जिसके ऊपर जाने के लिए 175 सीढ़ियां हैं जो सात चक्कर लगाने के बाद लंका के ऊपर पहुंचा जा सकता है लंका के ऊपर से सम्पूर्ण नगर के अतिरिक्त कई किलोमीटर कालपी क्षेत्र देखा जा सकता है।
उक्त मीनार में रावण की विशाल प्रतिमा भी उद्वत की गई है। जिसकी नजर लंका मीनार के सामने बने शिव मन्दिर में विराजे शिव जी के ऊपर पढ़ती है। मीनार के बगल में ही लेटे हुए कुम्भकरण की विशाल प्रतिमा है वहीं धनुष यज्ञशाला है लंका मीनार के सामने नाग नागिन का जोड़ा भी है शायद इतनी लम्बाई के नाग जोड़े की मूर्ति भारत में अन्य कहीं देखने को नहीं मिलेगी। वहीं एक और ऐतिहासिक कलाकृति भी लंका मीनार के निर्माण के दौरान बनाई गई जिसे लंका के नाम से जाना जाता है जहां रामायण में वर्णित राम कथा के प्रमुख अंशों को मूर्ति रूप में दर्शाया गया है।
नाग पंचमी को होता है विशाल दंगल एवं मेले का आयोजन :
आज से लगभग 185 वर्ष पहले से ही लंका मीनार के ऐतिहासिक मंच पर रामलीला का मंचन होता है। जिसमें उत्तर भारत के महान कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। सावन माह में नागपंचमी के त्योहार के पावन अवसर पर उक्त प्रांगण में विशाल दंगल होता आ रहा है। जिसमें हिन्दुस्तान के नामी गिरामी पहलवान अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हैं साथ ही मेले का भी आयोजन होता है। जिसमें क्षेत्र भर से बच्चे युवा महिलाएं शामिल होकर मेले से खरीददारी करते हैं।
बाबू मथुरा प्रसाद के बाद उक्त मीनार और कार्यक्रमों के आयोजनों की जिम्मेदारी वरिष्ठ पत्रकार स्व० बृजेन्द्र निगम जी निभाते रहे। उनके बाद वर्तमान में लंका मीनार का प्रबंधन एवं कार्यक्रमों के आयोजनों की जिम्मेदारी डा० विवेक निगम पूर्ण निष्ठा से निभा रहे हैं। अंत में यही कहना चाहूंगा कि भले ही अपने दुनिया घूम ली। सम्पूर्ण भारत का भ्रमण कर सब कुछ देख लिया हो पर यदि आप ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से झांसी रोड के मध्य यमुना तट पर स्थित बुन्देलखण्ड के प्रवेश द्वार से जाने जाने वाले जनपद जालौन के नगर कालपी में लंका मीनार का अवलोकन नहीं किया तो आप का भारत दर्शन अधूरा ही रहा।