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घर-घर टीबी रोगियों की खोज को चलेगा दस्तक अभियान

संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान का आयोजन पहली मार्च से होगा
उरई/जालौन। क्षय रोग मुक्त भारत संकल्प को पूरा करने के लिए संचारी रोग अभियान के साथ टीबी रोगियों की खोज का अभियान भी चलाये जाएगा। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इसे दस्तक अभियान का भी हिस्सा बनाया गया है। दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीबी मरीज ढूंढे जाएंगे। 10 मार्च से 24 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर क्षय रोगियों को खोजने का काम होगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुग्रीव बाबू ने बताया कि पहली बार दस्तक अभियान में टीबी रोगियों के खोजने का काम होगा। अभियान में टीबी रोगियों को खोजने की जिम्मेदारी आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दी गई है। अभियान में लगी टीमों को बुखार के रोगियों, क्षय रोगियों के साथ जन्म-मृत्यु पंजीकरण से वंचित लोगों, कुपोषित बच्चों और दिमागी बुखार से दिव्यांग हुए लोगों की सूची तैयार भी तैयार करने को कहा गया है। अभियान के दौरान लक्षणों के आधार पर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संभावित टीबी रोगियों का पता लगाएंगी। ऐसे रोगियों की जानकारी हेल्थ वर्कर एएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय को सूचित करेंगी। उन्होंने बताया कि संचारी रोग अभियान में दस्तक अभियान जोड़ने का कारण यह है कि ज्यादा से ज्यादा रोगी खोजे जा सके। क्योंकि इस अभियान का दायरा जिले के हर घर तक है। अभियान के दौरान घर घर जाकर आशा और आंगनब़ाड़ी कार्यकर्ता लोगों से पूछेगी कि अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आ रही है, शाम को पसीने के साथ बुखार होता है, तेजी से वजन घट रहा है, सीने में दर्द है, भूख नहीं लगती है और दवा लेने के बावजूद खांसी स्थाई तौर पर नहीं रुक रही है तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। ऐसे लोगों की सूची तैयार की जाएगी और जिला मुख्यालय तक भेजी जाएगी।
हर माह मिलेगी पांच सौ रुपये –
जिला क्षय रोग अधिकारी सुग्रीव बाबू ने बताया कि इस अभियान के दौरान जितने भी क्षय रोग खोजे जाएंगे। उनका निशुल्क जांच के साथ उनका फ्री इलाज भी शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही जब तक उनका इलाज चलेगा, उनके खाते में हर माह निक्षय पोषण के अंतर्गत पांच सौ रुपये की धनराशि भी भेजी जाएगी।
टीमों को दिया जा रहा प्रशिक्षण –
जिला मलेरिया अधिकारी डा जीएस स्वर्णकार ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान एक मार्च से 31 मार्च तक चलेगा। अभियान से जुड़ी टीमों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें हर रविवार मच्छर पर वार का अभियान भी चलेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, पंचायती राज, पशुपालन, कृषि, आईसीडीएस जैसे विभागों के समन्वय से अभियान चलाया जाएगा।

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