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यूपी बजट में दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं – कुलदीप बौद्ध

उरई/जालौन उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट 2021-22 विधानसभा में पेश किया, लेकिन इस बजट में दलितों, आदिवासियों के लिये क्या..? इसको लेकर दलित बजट समीक्षा व अनुसूचित जाति/ जनजाति उपयोजना (एससीपी टीएसपी) आवंटन एक अवलोकन व बजट विश्लेषण एवं मांगो को लेकर बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच, दलित आर्थिक अधिकार आन्दोलन द्वारा होटल आनंदी इन मीडिया संवाद किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह सबसे बड़ा बजट 2021-22 आया है। यूपी बजट का एससीपी-टीएसपी के विशेष सन्दर्भ में विश्लेषण को रखते हुए बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संस्थापक कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहा कि वित्त राज्यमंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना जी ने रु 550270.78 करोड़ का बजट पेश किया है। जिसमे कुल स्कीम बजट -133735.99 करोड़ है।
इस वर्ष के बजट में अनुसूचित जाति के लिए एससीसी के अंतर्गत 31674.58 करोड़ दिये है जिसमें कुल टारगेटिड स्कीम मे 12308 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में 19367 करोड़ रुपये जारी किया है। जोकि पिछले साल की अपेक्षा 4042 करोड़ बढ़ा है जो की अच्छी बात है। लेकिन वही एससी बजट स्कीमों को देखें तो कुल 292 स्कीमों में जारी बजट व नॉन टारगेटिड स्कीम में जारी 19367 करोड़ में 3104 करोड़ रूपये ऐसी योजनाओं में दिया गया है जिससे दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है या ये कहें की इस साल के बजट में 3104 करोड़ रूपये का डायवर्जन किया गया है। जैसे राज्य मार्गो के चौडीकरण, सुदृढ़ीकरण के कार्यो हेतु 325 करोड़, राज्य अन्य जिला मार्गो के कार्यो हेतु 325 करोड़, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु अंश पूंजी में 300 करोड़ जो की एससीपी-टीएसपी गाइड लाईन का उल्लंघन है। इस पैसे से कई दलित परिवारों का सशक्तिकरण किया जा सकता था।
एससीपी टीएसपी गाइड लाइन पिछले 40 सालों से आई है उसका हिसाब लायेंगे तो बहुत बड़ा आंकड़ा सामने आयेगा ? इस वर्ष अब प्रदेश के लोगों ने भी कोरोना की मार को झेला है यदि ऐसे में अगर इस वर्ष ही गाइड लाइन के हिसाब से पैसा दलितों के लिए दिया गया होता तो कम से कम 1 लाख से ज्यादा दलित भूमिहीन परिवारों जमीन खरीद कार दी जा सकती, लाखों दलित युवाओं को रोजगार दिया जा सकता, लाखों दलित स्टूडेंट को स्कालरशिप देकर उनकी पढाई जारी रह सकती, मैला ढ़ोने वाले परिवारों का स्थाई पुनर्वासन हो सकता, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र को मास्टर प्लान के तहत सुखा मुक्त किया जा सकता ? अभी टीम द्वारा यह प्राथमिक बजट अनालिसिस किया गया है विस्तृत व विभागवार एवं योजनाबार बजट का विश्लेषण कर जल्द ही सभी के सामने लाया जायेगा व विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक लीडरों के साथ संवाद व परिचर्चा की जायेगी और उस पर पैरवी की जाएगी। यूपी बजट 2021-22 पर टिप्पणी करते हुए रिहाना मंसूरी ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास की सिर्फ बातें ही करती है बजट उस हिसाब से नहीं देती। महिलाओं के लिए बड़े बड़े वादे करती है लेकिन बजट में दलित महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। मीडिया के माध्यम से हम माँग करते हैं कि उत्तर प्रदेश में भी कर्नाटका, तेलंगाना, आंध्राप्रदेश की तरह अनुसूचित जाति घटक और अनुसूचित जनजाति घटक को कानून बनाया जाये। इस वर्ष 2021-22 के बजट की धनराशी को जो दुसरे मदों में डायवर्जन की गई है उसे वापस किया जाये। दलितों के सीधे विकास के लिए योजनायें बने जाये जिससे दलितों का सीधा विकास हो व एससीपी-टीएसपी गाईड लाइन का पूर्णतया अनुपालन किया जाये। वही स्टूडेंट लीडर-अर्सना, नंदकुमार, सचिन, मणि प्रजापति,बजट व छात्रवृत्ति के बारे में बात कही। इस दौरान कृष्ण कुमार, प्रदीप, राजेश गौतम, श्रीकांत, कंचन वर्मा, नितिन सैनी, पंचम सिंह, सुरजीत, अंजलि, हरी सिंह, विष्णुपाल आदि मौजूद रहे।
उ. प्र. 2021–22 बजट व दलित बजट (हाई लाईटस) –
– उत्तर प्रदेश सरकार का सत्र 2021 – 22 का कुल बजट – 550270.78 करोड़
– अनुसूचित जाति के लिए SCC के अंतर्गत जारी बजट – 31674.58 करोड़
– अनुसूचित जाति के लिए SCC के अंतर्गत- 31674.58 करोड़ दिये है, जिसमें कुल टारगेटिड स्कीम में – 12308 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में – 19367 करोड़ रुपये जारी किया है !
– दलितों को जो 31674.58 करोड़ रुपये दिया गया उसमे से नॉन टारगेटिड स्कीम में –19367 करोड़ डाला उसमे भी 3104 करोड़ सीधे तौर पर डायवर्जन किया गया है जिससे दलितों का कोई लेना देना नहीं है, न ही उससे सीधे तौर पर दलितों को लाभ पहुँचता है। उदाहरण में लिए जैसे – राज्य मार्गो के चौडीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्यो हेतु – 325 करोड़, राज्य/प्रमुख/अन्य जिला मार्गो के कार्यो हेतु – 325 करोड़, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु अंशपूंजी में – 300 करोड़
– इस साल के बजट में बहुत ही कम सकीम ऐसे है जिनसे दलितों को सीधा लाभ पहुंचेगा।
– इस वर्ष के बजट में ज्यादातर स्कीम पुरानी ही है कुछ स्कीमों में विल्कुल भी बजट नहीं दिया गया है।
– सरकार की कुछ अच्छी स्कीम जिसके लिए धन्यवाद लेकिन उनमे बजट बहुत ही कम दिया गया है।

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