जालौन। शतचंडी महायज्ञ में रासलीला के मंचन में नटखट नंदकिशोर श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन किया गया। वहीं, कैंथवां में आयोजित श्रीराज राजेश्वरी यज्ञ में में रासलीला का मंचन किया गया। लेखराज रास मंडल श्रीधाम वृन्दावन के कलाकारों द्वारा चुरखीवाल स्तिथ दक्षिणेस्वर हनुमान मंदिर पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ में धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला में रात्रि 7 से 10 बजे तक रासलीला का मंचन किया जा रहा है। जिसमें नटखट नंद किशोर, माखन खा गयो माखन चोर भगवान सो रहे हैं और मइया उनको जगा रही है का मंचन किया गया। मइया ने कहा कि बेटा कन्हैया जाग जा देख सवेर हो गई। उन्होंने कहा कि फिर वे सपने में सभी देवी-देवताओं को बुलाते हैं। वहीं भगवान के पास शंकर जी आए, भगवान ने शंकर जी को आसन दिया, देवराज इंद्र आए उनको भी आसन दिया तभी मइया डर गई और कहने लगी कि कन्हैैया को नजर लग गई है और मइया ने उनकी नजर उतारी। तभी भगवान जाग गए और मइया को ढूंढने लगे। जब भगवान भंडार घर की ओर गए। इसके अलावा गोवर्धन लीला का भी मंचन किया गया। जिसे देखकर पंडाल में बैठे दर्शक भाव विभोर हो उठे। इससे पूर्व मां वनखंडी देवी कालपी धाम के महंत जमुनादासजी महाराज ने नटखट कन्हैया की आरती उतारी। वहीं, शतचंडी महायज्ञ में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु महिला व पुरुषों ने यज्ञ कुंड में आहुतियां देकर सभी कष्टों को दूर करने की ईश्वर से प्रार्थना की। उधर, क्षेत्रीय ग्राम कैंथवा में श्रीराज राजेश्वरी महायज्ञ में रात के समय रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला के मंचन का फीता काटकर शुभारंभ करते हुए अधिवक्ता उमेश दीक्षित ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से लोगों को संस्कृति की समझ मिलती है। हृदय परिवर्तन होकर मन को शांति का अनुभव होता है। साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम के चरित्र को समझने का मौका मिलता है। इसको मात्र मनोरंजन का साधन नहीं समझना चाहिए बल्कि भगवान राम के चरित्र को समझकर उसे अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा लेनी चाहिए।