उत्तर प्रदेशजालौनबड़ी खबर

टीबी मुक्त भारत बनाने में निजी अस्पताल भी हैं आगे

टीबी मरीज चिह्निीकरण पर मिलती है 500 रुपये प्रोत्साहन राशि
उरई/जालौन। टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए सरकारी के साथ प्राइवेट चिकित्सक और मेडिकल स्टोर संचालकों की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा क्षय रोगियों को जागरुक करने के लिए टीबी चैंपियन, डाट्स प्रोवाइडर के साथ कई सामाजिक संस्थाएं भी काम कर रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीव बाबू ने बताया कि क्षय रोगियों के इलाज और जांच के लिए सरकारी स्तर पर जिला क्षय रोग अस्पताल के अलावा राजकीय मेडिकल कालेज, सीएचसी रामपुरा, माधौगढ़, जालौन, कालपी, कदौरा, नदीगांव, कोंच, पीएचसी छिरिया सलेमपुर, पिंडारी, बाबई, डकोर, कुठौंद, न्यू पीएचसी सदूपुरा, न्यामतपुर, हरदोई गूजर, ईटों, आटा समेत 19 स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधा दी गई है। इसके अलावा टीबी के मरीजों के इलाज के लिए 41 प्राइ‍वेट चिकित्सकों को निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कराया गया है। इसमें डा. अशोक अग्रवाल, अंबे नर्सिंग होम, अवध हास्पिटल, चंद्रा नर्सिग होम, दीवौलिया क्लीनिक, डा. आरके शर्मा, डा. रुपाली राय सचान, डा. जेके गुप्ता, गुप्ता क्लीनिक, डा. देवेंद्र कुमार, राजाराम कलावती अस्पताल, रामा हस्पिटल, संजीवनी क्लीनिक, संकल्प हास्पिटल, जीबी हास्पिटल कोंच, महान हास्पिटल जालौन, डा. अरुण मेहरोत्रा कालपी, डा, सीमा मेहरोत्रा कालपी, डा,. देवेंद्र कालपी, अक्षय जीवन चिकित्सालय कुठौंद, रामनरेश मैहर अस्पताल कालपी समेत 21 डाक्टर और नर्सिंग होम सक्रिय रुप से मरीजों का इलाज और दवाएं दे रहे है। उन्होंने बताया कि सरकार की योजना है कि टीबी मरीजों को उनके घर के नजदीक ही इलाज और जांच मुहैया कराई जाए। इसके लिए सरकारी के साथ प्राइवेट चिकित्सक और मेडिकल स्टोर संचालकों को भी टीबी मुक्त भारत बनाने के अभियान में शामिल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत टीबी रोगी का चिह्निीकरण करने वाले प्राइवेट डाक्टर और मेडिकल स्टोर संचालकों को भी प्रोत्साहन राशि के रुप में प्रति रोगी पांच सौ रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 3.70 लाख रुपये प्राइवेट डाक्टरों को चिह्नीकरण के लिए वितरित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि टीबी रोगी चाहे वह सरकारी अस्पताल में इलाज कराए या प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराए। अगर उसका निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण है तो उसे पांच सौ रुपये की पोषण राशि हर महीने दी जाती है। हालांकि यह राशि दो महीने में एक बार उसके खाते में भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा जीबी हास्पिटल कोंच ने 311 मरीज चिह्नित किए है। जबकि डा. अशोक अग्रवाल ने 264 मरीजों का चिह्नीकरण किया है। जिले में टीबी मरीजों की स्थिति सरकारी अस्पताल में इलाज लेने वाले मरीज की संख्या 1563 एवं प्राइवेट अस्पताल में इलाज लेने वाले मरीजों की संख्या 778 है जिसमे टीबी रोगियों की इलाज में सफलता दर 76 प्रतिशत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button