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हाड़ कपाउ शीतलहर में खुले आसमान के नीचे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे गौशालाओं की गायें

उरई/जालौनअन्ना मवेशियों को संरक्षण देने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ गांव गांव में गौशाला बनवा डाली। और अन्ना मवेशियों के खाने पीने सहित इनके बेहतर इंतजाम करने के लिए जिम्मेदारों को निर्देश दिए। पर जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते गौशालाओं में बेहतर इंतजाम नहीं हो सके। जिससे गौशाला में बंद अन्ना मवेशी हर रोज दम तोड़ रहा है।
भूख प्यास या फिर कड़ाके की ठंड की चपेट में आकर गोवंश बीमार होता है इसके बाद इस कड़ाके भरी ठंड में यह खुले आसमान के नीचे तड़प तड़प कर मरता है। मरने के बाद इन्हें कब्र भी नसीब नहीं होता इन बेजुबानों को कुत्ते नोच नोच कर खाते हैं। इसके बावजूद भी जिम्मेदार गौशालाओं में बेहतर इंतजाम होने का दम भरते हैं जिम्मेदारों ने इन बेजुबानों को मरने जीने की कगार पर लाकर छोड़ दिया है। महेवा विकासखंड की ग्राम पंचायत अटराकला गाँव की गौशाला में शुक्रवार की सुबह कई गोवंश बीमार हालत में इस कड़ाके भरी ठंड में खुले आसमान के नीचे अपनी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था। पर अफसोस की इन बेजुबानों की सुध लेने वाला वहां कोई नहीं था। इतना ही एक बेजुबान को तो जीते जीते पिछले हफ्ते कुत्ते नोच नोच कर खा रहे थे। वह बेज़ुबान तड़प तड़प कर अपनी जिंदगी की भीख मांगता रहा और कुत्ते उसको नाच नाच कर खाते रहे। आखिरकार थक हार कर उस बेजुबान गोवंश ने दम तोड़ ही दिया था। कड़ाके की ठंड यह बेजुबान बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं या फिर भूख प्यास से यह बीमार हो रहे हैं यह तो जिम्मेदार ही जान सकते हैं। आखिर इन बेजुबानों की देखरेख में कोई ना कोई कमी तो जरूर रह जाती है जिससे यह बेजुबान तड़प तड़प कर मरने को मजबूर हैं। कुछ भी हो जिम्मेदार गौशालाओं में इन बेजुबानों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं होने का ढिंढोरा पीटते नहीं चूकते हैं। जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी महेवा से संपर्क करने की कोशिश की तो संपर्क नहीं हो सका इसके बाद एडीओ पंचायत हरेंद्र से संपर्क करना चाहा तब गुस्साए एडीओ पंचायत ने खबर को फर्जी बताकर कहां गौशाला में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है इसके बाद फोन काट दिया। पूरे प्रदेश सहित जनपद में 25 दिसंबर 2020 को ग्राम प्रधानों के कार्यकाल समाप्त हो गये थे। ग्राम पंचायतों में जो कार्य किए जा रहे थे वह निरंतर हो सके इसके लिए पूरे प्रदेश सहित जनपद जालौन के सभी विकास खंडों में एडीओ पंचायत को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन महेवा विकास खंड की ग्राम पंचायत अटराकलां में खबर सूत्रों से एडीओ पंचायत की जगह गांव के ही चर्चित व्यक्ति के द्वारा विकास कार्य कराए जा रहे हैं। उस चर्चित व्यक्ति द्वारा अपने चहेतों के आसपास कार्य करा रहे जबकि जरूरत वाले स्थानों को छोड़ दिए जा रहे हैं।

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