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आखिर कब बंद होगा प्रतिबंधित गुटखा का कारोबार … !

स्वास्थ्य के साथ-साथ राजस्व को भी लगा रहे हैं चूना
रात के अंधेरे का फायदा उठाकर लग्जरी गाड़ियों से हो रहा अन्य जिलों में सप्लाई
उरई/जालौन। गुटखा एक ऐसा खाद्य पदार्थ जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक एवं जानलेवा होता है। लेकिन इसका अवैध निर्माण शासन के नाक के नीचे बखूबी भारी मात्रा में होता है इसके अलावा यह निर्माता रात के अंधेरा का इंतजार कर अपनी लग्जरी गाड़ियों में प्रतिबंधित गुटखा को अन्य जिलों में सप्लाई करते हैं जोकि पूर्णतया गैरकानूनी है और साथ ही राजस्व को लाखों का चूना भी लगा रहे हैं।
जनपद जालौन में ऐसे ही दर्जनों तंबाकू मिश्रित गुटखा चल रहे हैं और उनका पकड़ जनपद के अलावा मकड़जाल की तरह आस-पास के जिलों व प्रदेशों में बड़े स्तर में फैलता जा रहा है ऐसा नहीं है कि इस अवैध कार्य की जानकारी संबंधित विभाग को न हो क्योंकि जिस तरह खाद्य विभाग मोनी बाबा की तरह खामोश व अपनी आखों को बंद किये है उससे यही लगता है कि वह भी इनके द्वारा भेजी गयी मिठाई को मुंह में दबाए हुए बैठा है। यही कारण है कि मीडिया में लगातार खबरें प्रकाशित होती रहती हैं लेकिन उन खबरों का कोई भी असर संबंधित अधिकारीयों को नहीं होता दिखाई देता।
सूत्रों की माने तो ऐसे जिम्मेदारों के पास पहले से ही मिठाई का डिब्बा पहुंच जाता है। जिसकी मिठास से विभाग को इस जहरनुमा कड़वाहट का एहसास नहीं होता। और इस जहर के कार्य को बढ़ाने में अपनी सहभागिता निभाता और किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नहीं करते हुए दिखाई देता है अगर स्वास्थ्य की बात करें तो गुटखा किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं है लेकिन कैंसर जैसी जानलेवा गंभीर बीमारीजरूर हो जाती है और जिसका अंत सिर्फ मौत होती है। और इस मौत रूपी प्रसाद को बनाने वाले करोड़पति बन जाते हैं। आखिर जब मिश्रित गुटखा पूर्णतः प्रतिबंधित है तो प्रशासन इस जहर को परोशने वाले कारखानों पर कार्यवाही क्यों नहीं करती आखिर क्यों यह कारखाना पुनः फलने फूलने लगता है।

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