तो क्या रेल प्रशासन कोंच-एट शटल बंद कर झांसी-कानपुर के लिए मेमू चलाना चाहता है

कोंच (पीडी रिछारिया) जब से सीपीटीएम प्रयागराज जोन डीके वर्मा कोंच रेलवे स्टेशन का दौरा करके गए हैं, अपने पीछे कई अनुत्तरित सवाल भी यहां के लोगों के जेहन में छोड़ गए हैं। लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या रेल प्रशासन कोंच-एट शटल बंद कर उसके स्थान पर मेमू चलाने की योजना पर आगे बढ़ रहा है। इस कयास को बल देने के लिए लोगों के पास दलीलें भी हैं कि रेल विभाग का इतना बड़ा अधिकारी यहां केवल स्टेशन देखने भर के लिए तो आया नहीं होगा, जरूर उसके दिमाग में कोई बड़ी प्लानिंग रही होगी जिसे कतिपय कारणों के चलते यहां के लोगों से साझा नहीं कर सका।
कोंच रेल सुविधाओं को लेकर समय समय पर इस एट-कोंच रेल लाइन को बढाने के लिए मांगें होती रही हैं लेकिन पिछले बारह दशक के इतिहास में इसका एक इंच भी विस्तार नहीं हो पाना यहां के लोगों को हमेशा सालता रहता है। यहां तक कि जनप्रतिनिधियों को इलाकाई जनता के तमाम बिष बुझे वाण हमेशा झेलने पड़ते हैं। ऐसी तमाम परिस्थितियों के बीच पिछले दिनों 7 मई को सीपीटीएम प्रयागराज जोन का कोंच दौरा तमाम अनुत्तरित सवाल अपने जेहन में समेटे लोगों को कयास लगाने के लिए मजबूर कर रहा है कि आखिर जोन लेवल का इतना बड़ा अधिकारी आखिर किस मकसद से कोंच जैसे छोटे से स्टेशन पर आया और किसी को बिना कुछ बताए चला गया। हालांकि मुख्य यात्री परिचालन प्रबंधक (सीपीटीएम) प्रयागराज डीके वर्मा के आने से पूर्व कयास लगाए जा रहे थे कि शायद वह मेमू के संचालन की संभावनाएं तलाशेंगे। उन्होंने अपने निरीक्षण को केवल टिकिटों की बिक्री से होने वाली आय परखने तक सीमित नहीं रखा बल्कि उन्होंने स्टेशन के मुख्य प्लेटफॉर्म और पुराने मालगोदाम तक अपनी पारखी नजरें भी दौड़ाईं। पूरा निरीक्षण निपट जाने के बाद यद्यपि मीडिया ने उनके कोंच दौरे का मंतव्य जानने के लिए खूब कुरेदा लेकिन ऑन द रिकॉर्ड उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिसका छोर पकड़कर यहां के बाशिंदे किसी नतीजे तक पहुंच पाते। एक बात तो तय है कि सीपीटीएम का कोंच दौरा सेंतमेंत नहीं था बल्कि रेल प्रशासन शायद कुछ बड़ा करने की सोच रहा है और उसी ‘बड़े’ को लेकर सीपीटीएम शायद कोंच भेजे गए थे। अब ये बात अलग है कि यहां उन्हें शायद अपनी बात खुलकर कहने का माहौल न मिला हो। सूत्रों की अगर मानें तो रेल प्रशासन कोंच-एट शटल ट्रेन के स्थान पर मेमू चलाने का बाकई इच्छुक है जिसमें झांसी-कानपुर रेल ट्रैक पर चलने वाली सभी मेमू ट्रेनों को वाया कोंच चलाने की योजना हो सकती है लेकिन इसके लिए यहां की जनता की सहमति शायद रेल प्रशासन चाहता है। इसके लिए जनता को सामूहिक रूप से अपनी बात केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा के समक्ष प्रस्तुत करनी चाहिए लेकिन इससे पहले गुण दोष के आधार पर होने वाले नफा नुकसान को लेकर बुद्धिजीवियों व सभी दलों के लोगों को आपस में बैठ कर मंथन जरूर कर लेना चाहिए।