जिला कुटुम्ब न्यायालय में समन्वय बैठक हुई सम्पन्न

उरई (जालौन) माननीय उच्च न्यायालय एवं उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में आज अपरान्ह जिला कुटुम्ब न्यायालय में न्यायिक अधिकारियों, मध्यस्थगण एवं परिवार न्यायालय के परामर्शदाताओं के साथ महत्वपूर्ण समन्वय बैठक सम्पन्न हुई। आगामी 22 जनवरी 2021 को आयोजित प्री-लिटिगेशन विशेष लोकअदालत में अधिक से अधिक मामलों को निस्तारित किये जाने हेतु अधिवक्तागण, मध्यस्थगण एवं परिवार न्यायालय के परामर्शदाताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया एवं कार्य-योजना पर चर्चा हुयी।
प्री-लिटिगेशन विशेष लोकअदालत के आयोजन के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय में गठित समिति द्वारा विगत 26 नवम्बर 2021 को आहूत की गयी जूम मीटिंग में निर्गत निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश श्री अमित पाल सिंह की अध्यक्षता एवं अपर कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती अम्रता शुक्ला की उपस्थिति में रूप-रेखा बनायी गयी।
इस विषय में जानकारी देते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती रेनू यादव ने बताया कि आगामी 15 दिसम्बर 2021 केे पूर्व 3 प्री-सिटिंग की तिथियां क्रमशः 2 दिसम्बर, 8 दिसम्बर एवं 11 दिसम्बर 2021 नियत की गयीं। इनमें उन प्री-लिटिगेशन प्रार्थना-पत्रों पर पक्षकारों की उपस्थिति में विचार-विमर्श किया जायेगा, जो प्रार्थना-पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में अब तक प्राप्त हो चुके है। ऐसे प्रकरण न्यायिक पीठ को संदर्भित किये जा रहे हैं। इनमें द्वितीय पक्ष को भी नोटिस देकर न्यायालय में बुलाया जा रहा है।
सचिव श्रीमती यादव द्वारा अवगत कराया गया है कि वैवाहिक विवादों के समाधान हेतु प्री-लिटिगेशन विशेष लोकअदालत में ऐसे वैवाहिक विवादों को स्वीकार किया जायेगा, जिनमें पति-पत्नी के मध्य किसी भी कारण से कोई विवाद उत्पन्न हुआ हो। ऐसे विवादों के समाधान हेतु पति-पत्नी में से कोई अथवा उनका नजदीकी रिश्तेदार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/तहसील विधिक सेवा समिति कार्यालय में प्रार्थना-पत्र दे सकता है। प्रार्थना-पत्र में दोंनो पक्षों का नाम पता उनका फोन नम्बर विवाद का संक्षिप्त विवरण एवं फोटो ग्राफ पहचान पत्र सहित देना होगा। मामले के समाधान हेतु प्रार्थना-पत्र अग्रिम कार्यवाही हेतु सम्बन्धित पीठ को भेज दिया जायेगा। पीड़ित वादकारी पति-पत्नी जिला दीवानी न्यायालय परिसर में स्थापित हेल्प डेस्क पर सम्पर्क करके विधिक परामर्श एवं सहायता ले सकते है तथा प्रारम्भिक स्तर पर ही अपने मामले के निस्तारण हेतु यहां प्रार्थना-पत्र दे सकते हैं। उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की वह वादकारियों को प्री-लिटिगेशन हेतु प्रेरित करें तथा यथा सम्भव अधिकाधिक वादकारियों को इससे परिचित करायें। इस बैठक में मध्यस्थगण श्रीमती सुलेखा सिंह, विश्राम सिंह निरंजन, परिवार कल्याण विशेषज्ञ प्रियंका द्विवेदी, काउंसलर कृष्ण कुमार प्रजापति आदि उपस्थित रहे।