मकर संक्रांति के पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की बुड़की

पिरौना/जालौन। जालौन जिले के मुख्यालय उरई से करीब 50 किलोमीटर दूर कोंच तहसील के पिरौना के निकट बसे सलाघाट की सुन्दरता लोगों को अपने ओर आकर्षित करती है। यहां से बहने वाली बेतवा नदी की जलधारा का निर्मल पानी सुकून देने वाला है। इसी के चलते दूर-दराज इलाकों से लोग पिकनिक मनाने यहां आते हैं। यहां पर कल-कल करती बेतवा नदी और विशालकाय चट्टानें यहां की सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं। यहां मौजूद शिव मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। शिवरात्रि के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने को आते हैं। यहां से दिखने वाला सूर्यास्त का नजारा काफी मनोरम होता है।आज मकर संक्रांति के पर्व पर भी प्रत्येक वर्ष की भाँति आज भी श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई एवं तिल गुड़ आदि का हवन किया तथा खिचड़ी का भी बितरण किया जगह मेला एवं दुकाने नजर आई एवं श्रद्धालुओं की भीड़ शोभा बढ़ा रही थी।
सलाघाट वैसे तो काफी प्राचीन स्थल है और यहां की खूबसूरती लोगों को अपना दीवाना बना रही है। जिला प्रशासन का प्रयास है कि यहां पर घूमने आने वाले सैलानियों के लिए कैफेटेरिया, पार्क, झूले, फन पार्क व वॉटर पॉइंट और लाइटिंग जैसी सुविधाओं का विकास किया जाएं तो यह जिले के लिए बेहतर टूरिस्ट प्लेस बन सकता है। इतना ही नहीं बल्कि यहां आने वाले लोगों से राजस्व की प्राप्ति भी की जा सकती हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में सलाघाट को खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस का दर्जा प्राप्त न हो सका। जागेश्वर के महन्त श्री धर्म दास जी महाराज ने बताया कि जिले में कई ऐसी ऐतिहासिक व रमणीय स्थल है जिन्हें अगर विकास की धारा से जोड़ा जाएं तो जिले को यूपी पर्यटन के मानचित्र पर नई पहचान दिला सकता है। जिसमें जागेश्वर वैदिक कालीन इतिहास को सजोये हुए हैं जागेश्वर का जिक्र शिवपुराण में मिलता है जो बेदवती नदी के तट पर स्थित है ऐसे प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर प्रयास किया जा रहा है कि इन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाएं। सलाघाट कि सुंदरता जिले के लिए प्रकृति का तोहफा है। इसके सौंदर्यीकरण के लिए शासन को 12 करोड़ रुपए का प्रस्तावित बजट भेजा गया है। इसकी मंजूरी मिलते ही सलाघाट का विकास कार्य शुरू किया जाएगा।