तो क्या इस बार निकाय चुनाव में बसपा प्रत्याशी की जीत की राह नहीं है आसान

कालपी (ज्ञानेंद्र मिश्रा) नगर निकाय चुनाव में बसपा प्रत्याशी की राह आसान नहीं है। पुराने कार्यकर्ता को दरकिनार कर उद्योगपति को टिकट दिए जाने से पार्टी का कैडर कार्यकर्ता अन्दर खाने खफा है तो पार्टी से बगावत कर औवेसी की पार्टी से मैदान में आये ऐनुल हसन मंसूरी भी उनकी राह में बड़ी बाधा है। जिसका रास्ता बसपा प्रत्याशी के पास भी नही है।
सूत्रों की माने तो पूर्व के हुये नगर निकाय चुनाव में बसपा का मुस्लिम व पार्टी के मूल कैडर का गठबंधन हावी रहा है जिसके चलते अब तक कालपी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में उसे तीन बार सफलता मिल चुकी है और शायद इसी बजह से नगर मे बसपा के टिकट पर घमासान हुआ है पर पार्टी का टिकट विधान सभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी छुन्नापाल को जिताने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले कैडर कार्यकर्ता ऐनुल हसन मँसूरी को पार्टी ने दरकिनार कर मुम्बई में रहने वाले उद्योगपति अतीक दीवान को टिकट पकड़ा दिया।
पार्टी के इस फैसले से पार्टी का कैडर कार्यकर्ता बेहद खफा है जिसका व्यापक स्तर पर विरोध भी हुआ था लेकिन पार्टी के उच्च पदाधिकारियो ने उन्हें दरकिनार कर दिया है और पार्टी पदाधिकारियो की यह मनमर्जी कैडर कार्यकर्ताओं को भी अन्दर तक आहत कर गई है और शायद इसी बजह इस फैसले के विरोध में पार्टी कैडर ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ता ऐनुल हसन मंसूरी को मैदान में उतारकर गुप्त रूप से समर्थन करने का बादा किया है।
सूत्रो की माने तो पार्टी के कैडर को दरकिनार कर धन बल के सहारे मैदान में उतरे पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में अब पार्टी की सफलता में अहम किरदार निभाने वाले मुस्लिम समाज का अधिकतर तबका नहीं है और अगर ऐसा हुआ तो निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की राह आसान नहीं रहने वाली है।
औवेसी की सभा हुई तो और भी गड़बड़ हो सकते हैं बसपा के समीकरण
विदित हो कि बसपा से बागी हुए ऐनुल हसन मंसूरी ने बगावत कर औवेसी की पार्टी से नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐनुल हसन व उनके समर्थको के अनुसार उन्होने वर्षो तक जमीनी स्तर पर समाजसेवा कर पार्टी को मजबूत किया था लेकिन जब टिकट की बारी आई तो पार्टी के कुछ जिम्मेदारो ने साँठ-गाँठ कर ऐसे व्यक्ति को टिकट थमा दिया है जो विभिन्न मौको पर ही नगर में आता है। सूत्रो की माने तो पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में औवेसी की सभा नगर में हो सकती है और ऐसा हुआ तो बसपा के प्रत्याशी को भारी नुकसान होने की उम्मीद है।