स्वरोजगार के माध्यम से बेरोजगारी दूर करें युवा : डॉ० मुहम्मद नईम
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा स्वरोजगार हेतु किया गया युवाओं को जागरूक

उरई/जालौन। भारत सरकार के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सहयोग से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा पर्यटन सलाहकार, बागबानी व खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित एक दिवसीय उद्यमिता एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन डी वी कॉलेज उरई एवं गांधी महाविद्यालय उरई में किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम सह समन्वयक डॉ मुहम्मद नईम ने कहा कि देश से बेरोजगारी की समस्या का समूल नाश करने का अचूक उपाय स्वरोजगार व उद्यमिता है। इस आशय से उन्होंने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि अपने मस्तिष्क में चल रहे स्वरोजगार की योजनाओं को मूर्तरूप देकर धरातल पर उतारें जिससे कि समाज व देश का भी भला होगा। पर्यटन एवं होटल प्रबंधन क्षेत्र में उद्यमियों हेतु अवसरों पर बात करते हुए डॉ सत्येंद्र चौधरी ने कहा कि पर्यटन एवं होटल प्रबंधन के क्षेत्र में युवा पूर्णकालिक अथवा अंशकालिक रूप से स्वरोजगार की स्थापना कर सकते हैं, जो भविष्य में उन्हें आर्थिक रूप से स्थायित्व प्रदान करेगा, विशेषतः देवगढ़ का दशावतार मन्दिर व जैन मंदिर ललितपुर में बड़े पर्यटन केंद्र बन सकते हैं।
उन्होंने प्राचीन भारत की गाँव आधारित अर्थव्यवस्था का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे प्राचीन काल मे लघु एवं कुटीर उद्योग समाज को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करते थे। कृषि विशेषज्ञ डॉ सन्तोष पांडेय ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता को आर्थिक प्रोत्साहन दे रहा है, इसके अतिरिक्त उन्होंने बैंको से मिलने वाले ऋण व स्टार्टअप नीतियों के सापेक्ष प्राप्त होने वाले अनुदानों के विषय में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को उद्यमिता एवं कौशल विकास से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलता है। इस अवसर पर डॉ नगमा खानम, डॉ नीति कुशवाहा, डॉ वर्षा राहुल, डॉ नीता गुप्ता, डॉ सुरेंद्र मोहन यादव, श्वेता यादव, शुभप्रिया पाल, डॉ धर्मेंद्र कुमार, डॉ मोनू मिश्रा, डॉ वंदना आनंद, डॉ गोविंद सुमन, डॉ पंकज गुप्ता, डॉ रितेश कुमार, डॉ मिथलेश शुक्ला आदि उपस्थित रहे।