वशिष्ट मुनि ने उच्च सिंहासन पर प्रतिष्ठित कर प्रभु श्रीराम का किया राज्याभिषेक

कोंच (पीडी रिछारिया) बजरिया की रामलीला में मंगलवार की रात्रि शंख झालरों और वेद ध्वनि के बीच प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक संपन्न हुआ। प्रभु श्रीराम और जनकनंदिनी सीता को उच्च सिंहासन पर विराजमान कर बशिष्ठ मुनि ने उनका तिलक कर अयोध्या का राजा घोषित किया। वेदों ने भगवान राम का स्तुति गान किया। इसी के साथ रामलीला के 65वें महोत्सव का विधिवत समापन हो गया। रामलीला महोत्सव के पूरे आयोजन में राम का अभिनय भरत तिवारी, लक्ष्मण का नैतिक वाजपेयी, भरत का कृष्णा शर्मा, शत्रुघ्न का अर्जुन दुवे, सीता का कार्तिक तिवारी ने निभाया।
श्री नवल किशोर रामलीला समिति द्वारा संचालित बजरिया की 65 वर्ष पुरानी रामलीला में मंगलवार की रात्रि श्रीराम राज्याभिषेक संपन्न हुआ। लोगों ने इस अद्भुत और अनुपम दृश्य को अपने मन में बसाया और दिव्य दरबार की आरती उतारी तथा पुष्प वर्षा की गई। इस दौरान रामलीला से जुड़े सभी विभागों के लोगों ने भी मनोरम झांकी की आरती उतारी। भगवान भोले शंकर ने अपने आराध्य भगवान राम के दिव्य दरबार में आकर नृत्य किया। प्रभु श्रीराम ने लंका विजय के बाद अपने साथ आए विभीषण, सुग्रीव, अंगद, निषादराज आदि को वस्त्र आभूषण और उपहार देकर विदा किया। इस दौरान रामलीला समिति के अध्यक्ष सभासद विशाल गिरवासिया बंटी, मंत्री पूर्व सभासद नरेश कुशवाहा, गंगाचरण वाजपेयी, लला वाजपेयी, हिम्मत सिंह यादव, प्रमोद कुमार, चंदनसिंह यादव, हरिमोहन तिवारी, हर्षित दुवे, अमरेंद्र दुवे, भास्कर दुवे, पिंकेश शुक्ला, पवन खिलाड़ी, महिजाचरण वाजपेयी, आनंद द्विवेदी, विनोद कुमार सोनी खिलाड़ी, सूरज शर्मा, अभिचल वाजपेयी, साकेत मिश्रा, दंगल सिंह यादव, राहुल तिवारी, अखिलेश द्विवेदी, पप्पू पाटकार, काजू पाटकार, सीताराम नगरिया, राजेंद्र बेधड़क, मोनू ठाकुर, रामू पटेरिया, रामू राठौर, रानू चौरसिया, गंगाराम रायकवार, अयोध्या बाबा, भवानी सेठ, लला पटेरिया, राजेंद्र द्विवेदी, बल्ली सेठ, गोवर्धन पेंटर, रामू अंडउआ, दिवाकर सोनी, घंसू, नितिन दुवे, प्रदीप ताम्रकार, सागर चौरसिया आदि मौजूद रहे। रामलीला अभिनय विभाग के अध्यक्ष रमेश तिवारी ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इससे पूर्व दोहर स्थित सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर प्रांगण में भरत मिलाप का आयोजन किया गया। दशग्रीव रावण का उसके महान बलशाली बेटे इंद्रजीत मेघनाद, अहिरावण सहित पूरे कुनवे का संहार कर अयोध्या पहुंचे भगवान राम, जनकनंदिनी सीता और लक्ष्मण का भरत, शत्रुघ्न और अयोध्या वासियों से मिलन देख दर्शक भावुक हो गए।