उरई/जालौन। जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का जो कदम उठाया है उसमें प्रशिक्षण लेकर बड़ी मात्रा में युवा अपना स्वरोजगार कर रहे हैं और विभिन्न सरकारी, निजी संस्थाओं में नौकरी कर रहे हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में परम्परागत शिल्पकार एवं कुशल कारीगर उपलब्ध हैं जिनके द्वारा उत्पादित सामग्री की देश व प्रदेश में व्यापक मांग है। प्रदेश के कारीगरों, शिल्पकारों द्वारा कई उत्पादित वस्तुओं का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है किंतु उत्पादों के शिल्पकारों, बुनकरों, कारीगरों के प्रमाणीकरण की समुचित व्यवस्था न होने से वस्तुओं की बिक्री में कठिनाई आ रही थी। इन स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पहली बार पूर्वार्जित प्रशिक्षण को मान्यता योजना (रिकग्निशन आफ प्रायर लर्निंग) आरपीएल के माध्यम से कारीगरों को प्रशिक्षित जाने हेतु आवश्यक स्वीकृति प्रदान कर दी है। आरपीएल (रिकग्निशन आफ प्रायर लर्निंग) कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किया जा चुका है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व में प्रशिक्षित कारीगरों, शिल्पकारों को जिनके उत्पादों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं थी उन्हें अल्प अवधि का प्रशिक्षण देते हुए प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की परीक्षा, मूल्यांकन कराने के उपरांत ही प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। आरपीएल योजना के अंतर्गत पूर्वार्जित प्रशिक्षण को मान्यता प्रदान करने के लिए शिल्पकारों, कारीगरों का भी मूल्यांकन कराते हुए मान्यता प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों पर आने वाले व्यय को उप्र कौशल विकास मिशन के अंतर्गत स्थापित राज्य कौशल विकास निधि द्वारा वहन किया जा रहा है। सरकार की नीति है कि प्रदेश के युवाओं को हर स्तर पर रोजगार से लगाया जाए। सरकार द्वारा लगभग छह लाख प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है।