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टीबी रोगियों की खोज के साथ हो रही जियो टैगिंग भी – डॉ. सुग्रीव बाबू

उरईक्षय रोगियों की खोज के लिए घर घर दस्तक अभियान शुरु हो गया है। इस बार मरीजों की खोज के साथ उनकी जियो टैगिंग भी का जा रही है। इसके लिए टीबी मरीजों के घर जाकर उनकी लोकेशन राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जिले में कुल 830 मरीज है, जिनमें 510 सरकारी और 320 निजी अस्पतालों में पंजीकृत है। उनकी जियो टैगिंग की जा रही है। विभागीय लोगों का कहना है कि अब तक करीब 70 फीसदी डाटा अपलोड किया जा चुका है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीव बाबू बताते हैं कि जनवरी 2021 से जून 2021 तक 830 मरीज पंजीकृत किए जा चुके है। शासन के निर्देश पर मरीजों की खोज के साथ उनकी जियो टैगिग करते हुए निक्षय पोर्टल पर लोकेशन अपलोड की जा रही है। उन्होंने बताया कि जियो टैगिग ऐसी भौगोलिक जानकारी है, जो फोटो नक्शे और वीडियो के माध्यम से दर्शाई जाती है। यह डाटा मरीज के संपर्क में रहने में बहुत मददगार साबित होता है। स्वास्थ्य कर्मियों को इसके बारे में प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जियो टैगिग के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि किस क्षेत्र या गांव में क्षय रोगियों की कितनी सघनता है ताकि किसी भी अभियान के दौरान उस क्षेत्र में विशेष फोकस किया जा सके। उन्होंने बताया कि क्षय रोगियों की खोज के लिए 16 कर्मचारी लगाए गए है। जिसमें 8 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) और चार सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुपरवाइजर और चार टीबी पर्यवेक्षक शामिल है। लगातार क्षय रोगियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड हो रही है। जिला स्तर सुपरवाइजरों द्वारा अभियान की लगातार मानीटरिंग की जा रही है और सूचना सूचना अधिकारियों तक भेजी जा रही है। अभियान की समाप्ति तक सभी की लोकेशन अपलोड कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि क्षय रोगियों की खोज के लिए 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान के अंतर्गत आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जाकर क्षय रोगियों की खोज कर रही है।

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