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जनसहयोग से दोबारा नून नदी में वापस लौटेगी जलधारा : जिलाधिकारी

विलुप्त होती नून नदी के संरक्षण का संकल्प लेकर डीएम, सांसद और विधायक ने किया श्रमदान
कालपी (पवनदीप)नाला मे तब्दील होकर विलुप्त होती नून नदी का संरक्षण करने का बुधवार 9 जून को कुटरा ग्राम पंचायत के मजरा गडगुवा मे जिला प्रशासन व क्षेत्रीय सांसद, विधायक ने संकल्प लिया। वही नून नदी मे सफाई व खुदाई कर रहे श्रमिकों के साथ जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, सांसद भानुप्रताप वर्मा, क्षेत्रीय विधायक नरेन्द्रपाल सिंह जादौन, सी.डी.ओ अभय श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी कौशल कुमार, बीडीओ महेवा अश्विनी कुमार सिंह आदि अधिकारियों ने नून नदी की धारा मे अवरोध बजरा मे फवड़ा चलाकर श्रम दान किया।

गौरतलब हो कि विश्व जल दिवस पर जन शक्ति अभियान कार्यक्रम के तहत कुकरगांव में मनरेगा व जन सहयोग से नून नदी की खोदाई और सफाई का कार्य शुरू किया गया था। अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने नदी को नवजीवन देने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की थी नदी की सिल्ट सफाई से लगभग तीस गांवों में सिचाई की क्षमता बढ़ने की संभावना जाहिर की गई थी।

बुंदेलखंड में पेयजल व सिचाई की दिक्कत दूर करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्व से ही जनपद में निकली नून नदी अब विलुप्त होने की कगार पर आ गई है। जिसको देखते हुए इस नदी की सिल्ट व झाड़ियां साफ करने की कार्ययोजना तैयार की गई। इसमें जन सहभागिता को भी प्रमुखता से रखा गया। बुधवार को सांसद भानुप्रताप वर्मा, क्षेत्रीय विधायक नरेन्द्रपाल सिह जादौन, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, सीडीओ एके श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी कौशल कुमार, बीडीओ अश्विनी कुमार सिह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान जिलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने भी फावड़ा लेकर सफाई की। महाभियान शुरू हुआ तो आसपास के तमाम ग्रामीण इसमें सहभागिता करने के लिए पहुंच गए। देर तक लोगों ने श्रमदान किया। लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला।

नून नदी से किसानों को होगा लाभ
कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक नरेन्द्र पाल सिंह जादौन ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने नदियों के संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान चलाया है। विश्व जल दिवस के मौके पर इस अभियान के तहत नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। वहीं, जिलाधिकारी प्रियंका निरजंन ने बताया कि नून नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। जिसमें मनरेगा और जनसहयोग से दोबारा इस नदी में वापस जलधारा लौटेगी। इससे आसपास के इलाकों का वाटर लेवल भी बढ़ेगा और किसानों को भी लाभ पहुंचेगा।

नून नदी के संरक्षण का कार्य शुरू
जानकारी के अनुसार जालौन से निकली नून नदी विलुप्त होती जा रही है जालौन के 89 किलोमीटर के दायरे में फैली इस नदी से करीब 30 गांवों की फसलें सिंचित होती थीं. लेकिन, बुंदेलखंड में पड़ रहे सूखे के कारण ये नदी विलुप्त होती जा रही थी। सोमवार को विश्व जल दिवस के मौके पर जल शक्ति अभियान के तहत इस नदी के संरक्षण के कार्य की शुरुआत की गई। नदी में मनरेगा के तहत खुदाई का कार्य किया जाएगा, जिससे कि वर्षा के जल का नदी में संचय हो और एक बार फिर नदी किसानों के लिए जीवनदायिनी बन सके। इस मौके पर सीडीओ अभय श्रीवास्तव, उपायुक्त मनरेगा ऐ के दीक्षित, उपजिलाधिकारी कालपी कौशल कुमार, बीडीओ कदौरा अति रंजन सिंह, बीडीओ महेवा अश्विनी कुमार सिंह, सीडीपीओ उर्मिला कुशवाहा, एडीओ हरेन्द्र सिंह, एडीओ पुष्पेंद्र त्रिपाठी, जेई नन्द किशोर नायक, जगदीश गौस्वामी, सचिब महेन्द्र रामवरन सहित अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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