पुलिस व पीएसी बल ने संवेदनशील व अतिसंवेदनशील गांवों में किया पैदल मार्च

जालौन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए एसडीएम व सीओ समेत कोतवाली पुलिस व पीएसी बल के जवानों ने ब्लाक क्षेत्र के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील गांवों में जाकर पैदल मार्च किया। इस दौरान ग्रामीणों से शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की गई। वहीं सैकड़ों की संख्या में पुलिस के जवानों को गांवों के गलियों में देखकर ग्रामीण भौचक नजर आए। कौतूहल से महिलाएं और बच्चे छतों पर चढक़र पुलिस के जवानों को देखते हुए नजर आए। पुलिस ने मतदेय स्थल के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
ब्लाक क्षेत्र की बासठ ग्राम पंचायतों में डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि पूर्व में इन ग्राम पंचायतों में चुनावों के दौरान झगड़े हो चुके हैं। ऐसे में कोतवाली पुलिस के सामने इन ग्राम पंचायत में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने की चुनौती है। वहीं पुलिस भी इन गांवों में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए तैयार है। इसी के चलते एसडीएम गुलाब सिंह, सीओ विजय आनंद के नेतृत्व में कोतवाल उदयभान गौतम, इंस्पेक्टर क्राइम अनिल कुमार, एसएसआई आनंद सिंह समेत कोतवाली में तैनात सभी हलका इंचार्ज व पुलिस फोर्स के साथ ही पीएसी बल के जवानों ने संवेदनशील व अतिसंवेदनशील श्रेणी में आने वाले गांव सुढ़ार, सालाबाद, छिरिया सलेमपुर, सोनई परवई, औरेखी, सिकरी राजा, लहचूरा, धनौरा, धंतौली, दहगुवां, एदलपुर, पर्वतपुर व उरगांव में पैदल मार्च कर लोगों को सुरक्षा का अहसास कराया। अचानक सैकड़ों की संख्या में गांव की गलियों में निकले पुलिस फोर्स को देखकर ग्रामीण सहमे नजर आए। इस दौरान एसडीएम व सीओ ने लोगों का आश्वस्त किया कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए है। कोई समस्या होने पर उन्हें बताएं। पूर्व में जो भी स्थितियां रही हों, लेकिन इस बार चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए ग्रामीण शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव प्रक्रिया में भाग लें। कोई समस्या होने पर पुलिस की सहायता लें। कहा कि कोरोना को देखते हुए अधिक जरूरी होने पर ही मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें। वहीं पुलिस बल के जवानों के गांव में पहुंचने पर बच्चे व महिलाएं छतों पर चढक़र कौतूहल से पुलिस के जवानों को देखते हुए नजर आए। उधर पुलिस ने गांवों में बनाए गए मतदेय स्थलों के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। देखा कहीं ऐसी कोई सामग्री न हो जिसे ग्रामीण हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकें। कुछ स्थानों पर ईंट आदि पड़े होने पर पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया।