निजि क्षेत्र की प्रयोगशालाओं में की जाने वाली कोरोना जांच की फीस हुई निर्धारित

हरदोई। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने अवगत कराया है कि शासन ने निजि क्षेत्र की प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच हेतु ली जाने वाली फीस की अधिकतम धनराशि जीएसटी सहित निर्धारित की गयी है। उन्होने कहा है कि निजी चिकित्सालय द्वारा प्रयोगशालाओं को प्रेषित सैम्पल की जांच अथवा किसी व्यक्ति द्वारा प्रयोगशाला पर जाकर कोविड-19 जांच कराने की दर जीएसटी सहित मात्र रू0-700/-, निजी प्रयोगशालाओं द्वारा स्वयं एकत्र किये गये सैम्पल की दर जीएसटी सहित मात्र रू0-900/- और यदि राज्य सरकार के विहित प्राधिकारी द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को सैम्पल प्रेषित कराए जाने की दर जीएसटी सहित मात्र रू0-500/- शासन ने निर्धारित की है।
जिलाधिकारी ने बताया कि शासन ने आइसोलेशन बेड (ऑक्सीजन एवं सहयोगी सुविधाओं के साथ) हेतु प्रति दिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रू0- 10 हजार तथा नॉन एक्रीडेटेड के लिए रू0-08 हजार निर्धारित की है, जिसमें कम गंभीर रोगियों हेतु ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक सहयोगी उपचार शामिल होगें, इसके साथ ही आईसीयू बेड बिना बेन्टीलेटर हेतु प्रति दिन की दर एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए 15 हजार रुपये तथा नॉन एक्रीडेटेउ चिकित्सालयों के लिए दर रू0-13 हजार निर्धारित की गयी है और इस श्रेणी में हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबटीज से पीड़ित को मॉर्बिडिटीज रोगी सम्मिलित है इसी तरह आईसीयू बेड बेन्टीलेटर सहित हेतु प्रति दिन की दर एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रू0-18 हजार तथा नॉन एक्रीडेटेड चिकित्सालयों हेतु दर रू0-15 हजार निर्धारित की गयी है।
उन्होने निजी चिकित्सालय के प्रबन्धकों से कहा है कि शासन ने निजी चिकित्सालयों हेतु निर्धारित शुल्क सभी सुविधााओं को सम्मिलित करते हुए एक पैकेज बनाया गया है जिसमें कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार प्रदान किये जाने के लिए बेड, भोजन तथा अन्य सुवधिाएं जैसे नर्सिंग केयर, इमेजिंग सहित अन्य आवश्यक जांचे, विजिट/कन्सल्ट, चिकित्सक, परीक्षण आदि की सुविधायें मरीजों को दी जायेगी और इसमें को-मॉर्विडिटीज रोगियों का उपचार तथा अल्प अवधि की हीमो डायलिसिस की सुविधा व उक्त दर निर्धारण कोविड रोगियों हेतु राष्ट्रीय गाइडलाइन्स के अनुरूप निर्धारित की गयी है किन्तुु प्रयोगात्म उपचार (जैसे रैमडेसिविर इत्यादि) तथा कोविड-19 हेतु आरटीपीसीआर व आईएल-6 टेस्ट को इस पैकेज में शामिल नहीं किया गया है, गर्भवती महिलाओं का प्रसव नार्मल/सी-सेक्शन तथा नवजात शिशुके उपचार पर होने वाले व्यय को चिकित्सालय द्वारा आयुष्मान भारत योजना के प्रचलित दर पर अलग से लिया जायेगा और आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से इस संबंध में कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।
जिलाधिकारी ने समस्त निजी चिकित्सालयों के प्रबन्धकों/संचालकों से कहा है कि यह भी संज्ञान में आया है अभी भी कई निजी चिकित्सालयों द्वारा उक्त निर्धारित दर फीस के अतिरिक्त नार्सिग केयर, मॉनिटरिंग, विजिट आदि के नाम पर अधिक फीस ली जा रही है, जो कोरोना महामारी नियमावली के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है, इसलिए सभी निजी चिकित्सालय कोविड-19 के रोगियों को भर्ती किये जाने हेतु राष्ट्रीय गाइडलाइन्स का अनुपालन करें और उक्त कोरोना गाईड लाइन का पालन न करने एवं निर्धारित दर से अधिक फीस लेने वाले निजी चिकित्सालयों के विरूद्व कोरोना महामारी अधिनियम के तहत कठोर कार्यवाही की जायेगी।