उरई/जालौन।समाज और राष्ट्र के संतुलन के लिये ज़रूरी है कि महिलाएं आगे आएं, राष्ट्र की अहम धुरी हैं महिलायें। यह बात अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन द्वारा स्थानीय मणीन्द्रालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला अधिकार दिवस के मौके पर कही।
एडीएम ने कहा कि अगर महिलाएं ठान लें तो दुनिया की जुग्राफिया बदल सकती हैं। उन्हें बाहर निकलकर अपने अधिकारों के लिये आगे आना होगा, तभी वह अपने मकसद में कामयाब हो सकती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीमती डॉक्टर ऊषा अहिरवार ने कहा कि नारी शक्ति की एकजुटता से ही समाज में अमूलचूल परिवर्तन हो सकते हैं, समाज के लिये काम कर रहीं महिलाएं आगे बढ़ रहीं हैं, जिनका सभी क्षेत्रों में स्वागत हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन की सुप्रीमो डॉक्टर स्वयं प्रभा दुबे ने कहा की महिलाएं तो आदिकाल से ही सशक्त थी बस उन्हें संवारने की ज़रूरत थी। आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं सबसे आगे हैं और यह महिलाओं की जागरूकता का प्रबल प्रमाण है। इस मौके पर समाज की बेहतरी के लिये काम कर रहीं महिलाओं को भी सम्मानित किया गया, जिसमें सीमा तिवारी, खुशबू याज्ञिक, शशि शर्मा, रिहाना मंसूरी, शिवांगी दीक्षित, मिशन शक्ति प्रभारी एसआई रानी गुप्ता, हेमलता, मृदुला सचान, सीमा शाक्या, पूजा पाल आदि प्रमुख रहीं।
इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें गीत, नृत्य, जुडो-कराटे, नाट्य कला की विधाओं को पेश किया गया, जिससे कार्यक्रम की भव्यता देखने लायक थी। इस मौके पर कोषाधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी, डीआईओएस भगवत प्रसाद पटेल, राष्ट्रीय एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयनारायण चंसौलिया, शिक्षक संगठन यूटा के ज़िला संयोजक राजेंद्र सिंह राजपूत, डॉ. अलका नायक, डॉ. आदित्य कुमार सक्सेना, सुशील राजपूत, चंचल मिश्रा, डॉ. वर्षा राहुल, वैभव दुबे, जावेद अंसारी, डॉ. रचना श्रीवास्तव, डॉ. रिज़वाना, सुधीर प्रकाश, जीके उपाध्याय, श्रीमती संगीता सिंह, श्रीमती संगीता गौर, रोहित कुमार, श्रीमती जया श्रीवास्तव, महेश अरोड़ा, श्रीमती शशि अरोड़ा, डॉ. विश्वप्रभा त्रिपाठी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रविशंकर अग्रवाल ने किया।