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जब गौशाला के नाम पर ही जिम्मेदार बेजुबान जानवरों का निवाला हजम करने लगे … !

उरई/जालौन। कोंच तहसील क्षेत्र के ग्राम पिरौना, इगुइखुर्द, विरगुवाखुर्द, में बनी गौशाला में गायें दिन पे दिन अपना दम तोड़ रही हैं। जब गांव में बनी गौशाला को स्वयं जाकर देखा तो देखा कि गायों को खाने के लिए घास व भूसा यहां तक की पीने के लिए पानी तक कि व्यवस्था नही है। ऐसे में अब सर्दी का मौसम शुरू हुआ उन्हें ठंड से बचाने के लिए भी कोई व्यवस्था भी नही की। जबकि गौशाला में गायों की संख्या अधिक है और उनको भूसा की तरह बंद कर साथ ही उन बेजुबाँ गायों को खाने पीने के लिए भी कोई व्यवस्था नही की।
जबकि पिरौना गांव के कुछ निवासी मनीष तिवारी, प्रमोद खरे, अजय चौधरी, मुन्ना राठौर, बृजमोहन वर्मा, छुन्ना पांचाल, आनंदस्वरूप मिश्रा, मुन्ना चौधरी, राजू चौधरी, बसन्ते चच्चा, बालमुकुंद रजक, मिंटू प्रजापति, रामबालक ने बताया कि हम सभी लोग मिलजुलकर जो कुछ थोड़ा बहुत बनता हैं तो गायों को खिला देते है और कभी कभार घर पर होते है तो पानी भी पिला देते हैं साथ ही बताया कि जब से गौशाला बनाई गई तब से लेकर अब तक कोई भी शासन का अधिकारी व कर्मचारी यहां पर भ्रमण करने नही आया। शिकायत करने के बाद भी कुछ नही होता। उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गांव गांव में गायों के लिए स्थाई गौशालाएं बनवा रहे। जिससे गायों को रहने के लिए स्थाई जगह हो और उनके रहने से लेकर खाने पीने का भी ख्याल रखा जाए इसके लिए उन्होंने हर गौशालाओ के लिए पैसों की स्वीकृति भी कर चुके हैं लेकिन गौशाला की देखरेख करने वाले जिम्मेदार लोग सिर्फ अपनी जेबें गर्म करने में लगे हुए हैं। और बेचारे जानवर दर दर मारे मारे भटक रहे है अब ऐसे में भूखे प्यासे जानवर किसानों के खेतों में टूट पड़ते हैं जिससे दिन पे दिन किसान भी आत्महत्या कर रहे हैं।

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