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गल्ला व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया, नहीं होगी कोई खरीद फरोख्त

शासन का एमएसपी पर जिंसों की खरीद का फरमान, आढ़तिया हलकान और काम बंद

कोंच। अभी तक तो मामला केवल गेहूं की खरीद एमएसपी करने का था जिसके चलते आढ़तियों ने गेहूं नहीं खरीदने का फैसला लिया था, लेकिन बात अब और आगे बढ़ चुकी है। शासन ने चना, मसूर, लाही के लिए भी फरमान जारी किया है कि इन जिंसों की खरीद भी आढ़तिया एमएसपी पर ही कर सकेंगे, यदि इस रेट से कम पर किसानों की उपज खरीदी तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन के इस फरमान पर आढ़तिया हलकान हैं सो उन्होंने किसी भी तरह का व्यापार कार्य करने से हाथ खड़े करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर डाला है।

नवीन गल्ला मंडी में रविवार को गल्ला व्यापारी समिति की बैठक अध्यक्ष अजय रावत की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें मौजूद गल्ला व्यवसाइयों ने शासन के फरमान को व्यापारियों के प्रति तानाशाही रवैया बताते हुए सर्वसम्मति से फैसला लिया कि 8 अप्रैल से व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और किसी भी जिंस की खरीद फरोख्त नहीं करेंगे। बैठक में अरविंद अग्रवाल, राहुल तिवारी, जयप्रकाश मुखिया, प्रतीक मिश्रा, राममोहन रिछारिया, अखिलेश बबेले, पुत्तूलाल पड़री, राममोहन लोहिया, अंशुल मिश्रा, सुमित, संतोष, इरफान, जितेंद्र, ध्रुव प्रताप सिंह, रामबिहारी, सतीश राठौर, रामराजा, जगदीश प्रसाद, हरीशंकर लोहिया, विक्रम, राकेश कुमार, सीता शरण सहित तमाम व्यापारी मौजूद रहे।

बैठक के बाद व्यापारियों ने एक ज्ञापन भी मंडी सचिव को दिया जिसमें 8 अप्रैल से अनिश्चितकाल के लिए व्यापार कार्य बंद रखने की बात कही गई है। गौरतलब है कि एसडीएम सुशील कुमार सिंह ने मंडी जाकर गल्ला व्यापारियों को दो टूक कहा कि गेहूं के साथ साथ अन्य जिंसों की खरीद भी एमएसपी या इससे ऊपर के भाव पर खरीदेंगे, अगर एमएसपी से कम पर किसानों की उपज खरीदी तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने मंडी प्रशासन को भी साफ निर्देश दिए हैं कि वे इस पर नजर रखें कि कोई एमएसपी से नीचे खरीद न कर पाए, अगर कोई करता है तो उन्हें सूचना दें।

जिस जिंस की डाक बोली जाए वह एमएसपी से कम न हो : एसडीएम
इस संबंध में जब एसडीएम सुशील कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा, किसान की उपज को एमएसपी से कम रेट पर नहीं बिकने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन मंडी बंद की जो घोषणा की है उसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न किसी व्यापारी ने बताया है। एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि जिस जिंस की डाक बोली जाए वह वह एमएसपी से कम न हो और फिर व्यापारी उस जिंस को एमएसपी रेट में खूब खरीदें। कई जिंसों पर तो एमएसपी रेट व मंडी रेट में 1000 रुपए से अघिक का अंतर है।

ये स्थिति है बाजार भाव और एमएसपी की –
व्यापारियों द्वारा की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के पीछे की बड़ी वजह यह है कि कई जिंसों के बाजार भाव और एमएसपी में एक हजार तक का अंतर है और लाही, मसूर जैसी जिंसें खरीदना उनके लिए घाटे का सौदा होगा। मसूर का खुले बाजार मे भाव 5400 है जबकि एमएसपी 6425, लाही 4800 खुले बाजार में बिक रही है और इसका एमएसपी 5450 है। इसी प्रकार गेहूं का एसएसपी रेट 2275 है जबकि बाजार में यह 2000-2100 बिक रहा है। चना जरूर बाजार में एमएसपी से ऊपर बिक रहा है।

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