दहेज प्रतिषेध दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का किया गया आयोजन

उरई। दहेज प्रतिषेध दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में महिला कल्याण विभाग की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की अपने लोगों संबंधियों तथा बेटे बेटियों को दहेज न लेने न देने के लिए प्रेरित करें तथा समाज में होने वाले दहेज वाली शादियों का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए प्रेरित करें।
संगोष्ठी का विधिवत आगाज दीप प्रज्वलित कर जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी अपर जिलाधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया तथा विद्वान वक्ताओं ने सभागार में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि दहेज एक सामाजिक अभिशाप है इसे हम सब मिलकर रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएं जिसके लिए जिलाधिकारी ने जिला प्रोवेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त विद्यालयों में महाविद्यालयों में तथा ग्राम पंचायतों में दहेज प्रतिषेध विषय पर संगोष्ठियां आयोजित करे तथा आम जन में यह संदेश देने का प्रयास करें कि दहेज सामाजिक अभिशाप है जिससे समाज में कई तरह की कुरीतियां पनपत्ति है तथा जिसके कारण कई घर अनावश्यक कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं। बच्चे अपनी शादी बगैर दहेज के करें तथा अपने जीवन सादगी के साथ व्यतीत करें।
मुख्य विकास अधिकारी भीमजी उपाध्याय ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में होने वाले आडंबर पूर्ण तथा भव्य शादियों को रोकना होगा तभी दहेज रूपी दानव को हम समाज से बहिष्कृत कर सकते हैं जब तक लोगों में भव्य शादियों के प्रति आकर्षण बना रहेगा तब तक दहेज किसी न किसी रूप में चाहे उपहार के रूप में चाहे भव्यता के रूप में विराजमान रहेगा इसे दूर करने के लिए युवा पीढ़ी को पहल करनी होगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन डी शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी को पहल करने की आवश्यकता है तभी इस सामाजिक कुरीति से मुक्ति मिल सकती है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार ने कहा कि दहेज एक सामाजिक अभिशाप है इसे दूर करने का हम सबको मिलकर के आवाहन करने की आवश्यकता है तथा जन भागीदारी से इस सामाजिक कुरीति को दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे विशाल कुमार यादव ने कहा की सबके प्रयास से ही इस सामाजिक कुरीति को दूर किया जा सकता है आइए हम सब मिलकर शपथ लें की विवाह में न तो दहेज लेंगे न हीं दहेज देंगे। कार्यक्रम में दहेज प्रथा रोकने को लेकर गरिमा पाठक ने मार्मिक गीत प्रस्तुत किया। दहेज के लिए बेटियां जलाइ न जाए। सब मिलकर दहेज रुपी दानव को परिवार समाज तथा देश से बहिष्कृत करें ताकि एक समृद्ध समाज व सशक्त समाज का निर्माण हो सके।
मुख्य कोषाधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि प्राचीन काल से किसी न किसी रूप में समाज में दहेज उपहार के रुप में मौजूद रहा है पर समाज जैसे-जैसे शिक्षित हुआ है दहेज में कमी आई है पर इसका रूप परिवर्तित हुआ है। अब बच्चे जागरुक होते जा रहे हैं स्वावलंबी होने के साथ अंतरजातीय विवाह तथा दहेज के लेन देन में भी कमी आई है। इस कार्यक्रम में जहां अलकमा अख्तर ने कविता के माध्यम से दहेज रूपी दानव को समाप्त करने का आवाहन किया। रिचा द्विवेदी ने कविता के माध्यम से दहेज मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए आवाह्न किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में सिटी मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार उप जिलाधिकारी सौरभ पाण्डेय जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तिखार अहमद बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश जिला सूचना अधिकारी पंकज तिवारी बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र एस के चौधरी विनीता बाथम गरिमा पाठक वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रबंधक अंजना, प्रवीणा यादव अलकमा अख्तर नीतू रचना कुशवाहा रिचा द्विवेदी रागिनी वीर सिंह आदर्श राहुल जितेंद्र हर्षित जूली तथा सामाजिक कार्यकर्ता अवध नारायण द्विवेदी व अन्य समस्त कार्मिक मौजूद रहे। अंत में जिला प्रोवेशन अधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने संगोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले समस्त अधिकारियों व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त कर आज के संगोष्ठी का समापन किया।