झॉसी के ग्रासलैण्ड में एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला हुई सम्पन्न

झाँसी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झॉसी में एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला का आयोजन डा. चन्द्रिका प्रसाद त्रिपाठी, मानस मर्मज्ञ एवं पूर्व शिक्षक, राजकीय इण्टर कालेज, झॉसी के मुख्य आतिथ्य एवं कार्यवाहक निदेशक डा. विजय कुमार यादव की अध्यक्षता में किया गया। डा. विजय कुमार यादव ने अपने अध्यक्षीय उद्धबोधन में बताया कि हिन्दी के ज्ञान-अनुभव से अपने जीवन में लाभान्वित होगें। हिन्दी में सभी भाषाओं के शब्दों को समाहित किया गया है। ‘क’ क्षेत्र में होने के कारण हिन्दी में कार्य करने का हमारा दायित्व है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान निदेशक ने अतिथि का स्वागत किया। अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलन किया। नीरज कुमार दुबे ने स्वागत भाषण देते हुए संस्थान में हिन्दी में किये जा रहे कार्यो की प्रगति से अवगत कराते हुए कार्यशाला के कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में डा. चन्द्रिका प्रसाद त्रिपाठी ने व्याख्यान में बताया कि हिंदी में काव्य ने राष्ट्रवाद को पुष्ट एवं सशक्त किया है। हिन्दी 1100 वर्ष पुरानी है, हिन्दी की क्षमता अपरिमित है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, राष्ट्रवादी दायित्व से जुड़ने पर कण-कण को सुरक्षित एवं पुष्ट करने में समस्त शक्ति लगाते है वसुद्यैव कुटम्बकम की भावना से ही जनकल्याण होता है। राष्ट्रवाद में विश्व बन्धुत्व की भावना होती है ।
कार्यक्रम के अवसर पर डा. पुरूषोत्तम शर्मा, डा. शाहिद अहमद, फसल सुधार विभाग, डा. दानाराम पलसानिया, फसल उत्पादन विभाग, डा. संजय कुमार सिंह, फार्म मशीनरी, डा. अरूण कुमार शुक्ला, वन चरागाह प्रबंधन विभाग, डा. अजय कुमार सिंह, बीज तकनीकी विभाग एवं श्री रवि भद्रा, वरि. वित्त एवं लेखाधिकारी, हरजीत सिंह यादव, विजय कुमार पालीवाल, दिनेश कुमार नामदेव, सहायक प्रशासनिक अधिकारियों की भी उपस्थिति रही। कार्यशाला में वैज्ञानिक-तकनीकी कार्मिकों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का संचालन डा.सुनील कुमार एवं आभार श्री नीरज कुमार दुबे ने किया।