मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू, बीएलओ ने बूथों पर दिखाईं सूचियां

कोंच (पीडी रिछारिया) निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सरकार ने नगरीय निकाय मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम एक बार फिर घोषित किया गया है जिसमें पिछली बार मतदाता बनने से वंचित रह गए पात्र लोग 11 मार्च शनिवार से लेकर 17 मार्च शुक्रवार तक प्रत्येक मतदेय स्थल पर सुबह 10 से शाम 4 बजे तक आयोजित विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान में पहुंचकर बीएलओ के समक्ष अपने आवश्यक प्रपत्र (आधार कार्ड) जमा कर व संबंधित फॉर्म भरकर अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन में जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी चांदनी सिंह की देखरेख में आयोजित मतदाता विशेष पुनरीक्षण अभियान के पहले दिन मतदेय स्थलों पर 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके व इससे अधिक आयु के तमाम लोगों ने अपने अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए फॉर्म भरकर बीएलओ के समक्ष जमा किए। सूची में पहले से दर्ज नाम, पता, फोटो आदि में संशोधन कराए जाने हेतु भी लोगों ने संबंधित प्रपत्र भरकर बीएलओ के समक्ष जमा किए। अमरचंद्र महेश्वरी इंटर कॉलेज के आठ बूथों पर बीएलओ हर्ष गुप्ता, शिवांशु शुक्ला, रमेशचंद्र गोस्वामी, अंकिता कौशिक, शैलेंद्र सिंह, हर्ष सोनी, संतोष राठौर, श्यामसुंदर निरंजन आदि उपस्थित रहे। गौरतलब हो कि विधानसभा व निकाय चुनाव की अलग अलग मतदाता सूचियां होने के चलते लोगों को भारी दिक्कत होती है। सूचियों में नाम दर्ज कराए जाने को लेकर नए मतदाताओं और छूटे हुए मतदाताओं को परेशानी उठानी पड़ती है। जारी पुनरीक्षण कार्यक्रम निकाय चुनाव हेतु मतदाता बनने का संभवतः अंतिम अवसर हो सकता है क्योंकि आगामी माह अप्रैल और मई में निकाय चुनाव संपन्न होने की संभावना जताई जा रही है।
हैरान करने वाली है कार्यशैली, नहीं बढ़ाए गए वोट –
मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में निर्वाचन कार्यालय की हैरान कर देने वाली कार्यशैली इस अभियान में पलीता लगाने वाली है। पिछली दफा जो पुनरीक्षण कार्यक्रम चलाया गया था और वोट बनने के लिए जो प्रपत्र बीएलओज ने भरकर भेजे थे वे वोट बनाए ही नहीं गए। यह स्थिति उस वक्त सामने आई जब अमरचंद्र महेश्वरी इंटर कॉलेज में वार्ड संख्या 17 के रहने वाले अजीज ठेकेदार ने बताया कि उनके वार्ड के 38 वोटर सूचियों से गायब हैं। वहां मौजूद बीएलओ ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उसने अपनी ओर से भी प्रशासन को अवगत करा दिया है। देखने वाली बात यह है कि ये तो केवल एक वार्ड का मामला सामने आया है, नगर के सभी पच्चीस वार्डों में भी कमोवेश ऐसी स्थितियों से इंकार नहीं किया जा सकता है।