शरीर, मन व आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है योग : डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी

– मेडिकल कॉलेज परिसर में चली योग की क्लास
उरई (जालौन) योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है। योग की साधना करके लोग शरीर को निरोगी रख सकते है। इसे नियमित करने से अच्छे विचार आते है और गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। यह बात योग गुरू डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी ने बुधवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं और डॉक्टरों को योग सिखाने के दौरान कही। उन्होंने क्लास में योग सीखने वालों से आह्वान किया कि वह स्वयं तो योग करें ही और मरीजों के साथ अपने सगे संबधियों को भी योग के लिए प्रेरित करें।
शहर के राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में भी अंतराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां शुरू हो गई। यहां पर बुधवार को योग सीखने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। जिलाप्रशासन के निर्देश पर लगाई गई योग की क्लास का शुभारंभ योग गुरू डॉ.राम प्रकाश द्विवेदी व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. द्विजेंद्र नाथ ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इसके बाद ओम नाम का उच्चारण हुआ और फिर डॉक्टर और छात्र-छात्राओं ने योग गुरू के साथ योग किया। इसमें सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, दंड बैठक, सूक्ष्म व्यायाम कराई गई। योग आसन के तरीका बताने के साथ ही उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया। पद्मासन, भुजंगासन, शलभाषन, मर्कट आसन, उत्तानपाद, हलासन, सवा सन करने के तरीका बताए। कपाल भारती, अनुलोम-विलोम, की क्रिया कराई। थाइराइड ठीक कराने के लिए उज्जाई प्रणायाम कराया। उन्होंने बताया योग करने से यादाश्त, अवसाद, चिंता, डिप्रेशन, मोटापा, मनोविकारों को भी दूर भागाता है। उन्होंने योग करने वाले साधकों से कहा कि योग साधना है, योग दर्शन है। योग का शाब्दिक अर्थ आत्मा का परमात्मा के मिलन से है। अन्त में करो योग रहो निरोग का संकल्प लिया गया और सभी से कहा गया कि वह अपने खान-पान पर भी नियंत्रण रखें। कॉलेज के प्राचार्य डॉ द्विजेन्द्र नाथ ने कहा कि योग से कई फायदे है। योग नियमित रूप से करना चाहिए। पूरे विश्व में योग शुरू हुआ है और हमारा देश इसका नायक बना है। इस मौके पर डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. एसके सिंह, डॉ. चरक, डॉ.एम सिद्दीकि, अनिल श्रीवास्तव, गायत्री परिवार के डॉ. सीताराम अग्रवाल, राजकुमारी अग्रवाल, रीता श्रीवास्तव, एलआईसी विकास अधिकारी पीसी गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा, श्रद्धा दुवे, राज कुमार के अलावा छात्र-छात्रआओं में आयुष, हिमान्शी, वीरेंद्र, सौरभ आदि ने योग सीखा और योग के महत्व को समझा।