एक अप्रैल से झाँसी मण्डल में लागू होगी ग्रीष्म ऋतु पेयजल योजना, पेयजल की दिक्कत होगी दूर

उरई (जालौन) मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय ने ग्रीष्म ऋतु में आम नागरिकों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए कवायद प्रारम्भ कर दी है। झांसी में पेयजल उपलब्ध कराने की सम्पूर्ण व्यवस्था मुख्य रूप से जल संस्थान व जल निगम के द्वारा संयुक्त रूप से देखी जाती है। मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय द्वारा जल संस्थान व जल निगम के साथ ग्रीष्म के दृष्टिगत कार्ययोजना तैयार करने हेतु व आ रही दिक्कतों के सम्बन्ध में गहन समीक्षा बैठक की गई। समीक्षा में देखने में आया कि नगर निगम झांसी में आपूर्ति हेतु बबीना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 110 एमएलडी है तथा वर्तमान में वह 101 एमएलडी पर चल रहा है जिस कारण झांसी नगर को प्रतिदिन लगभग 9 एमएलडी पानी की कम आपूर्ति हो रही है जिस पर मण्डलायुक्त द्वारा कठोर नाराजगी व्यक्त करते हुये तीन दिवस में वाटर ट्रीटमेंट प्लाण्ट को पूर्ण क्षमता 110 एमएलडी पर चलाने हेतु जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है व आदेशों का अनुपालन न होने के दृष्टिगत प्रकरण शासन को संदर्भित कर दिया जायेगा। उक्त जलापूर्ति की बबीना वाटर ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट व बिजौली स्थित मीटर पर प्रतिदिन निगरानी हेतु जल संस्थान व जल निगम संयुक्त रूप से निर्देशित किया गया तथा बबीना वाटर ट्रीटमेंट प्लाण्ट से हो रही जलापूर्ति के सम्बन्ध में साप्ताहिक रिर्पोट मण्डलायुक्त को प्रेषित करेगें। दोनो विभागों को संयुक्त रूप से कार्य करते हुए स्थापित संसाधनों को पूर्ण क्षमता पर चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जल संस्थान के महाप्रबंधक को निर्देशित किया गया कि क्षेत्रों में हो रही लीकेजों को तत्काल चिन्हित करने एवं कार्य की मॉनिटरिंग हेतु नगरीय निकायों के कर्मचारियों का भी सहयोग लेना सुनिश्चित करें। मण्डलायुक्त ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए – बबीना वाटर ट्रीटमेंट प्लाण्ट पूर्ण क्षमता पर चलाये जाने के दिये निर्देश, जल निगम बबीना वाटर ट्रीटमेंट प्लाण्ट 110 एमएलडी की पूर्ण क्षमता पर चलाये। ग्रीष्म ऋतु में पानी की समस्या को देखते हुये पेयजल की वैकल्पिक आपूर्ति करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा अधिक से अधिक ट्रैक्टर टैकरों का अधिग्रहण किया जाये। जल संस्थान व जल निगम द्वारा पेयजल व्यवस्था को देखते हुये प्रतिदिन समस्याग्रस्त क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण करते हुये उसकी मॉनिटरिंग भी की जायें। 1 अप्रैल से पेयजल समस्या के समाधान हेतु समस्त कन्ट्रोल रूम चालू किये जाये। पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु नियमित रूप से पानी की जांच की जाये। पेयजल आपूर्ति में लगे कर्मियों को नियमित रूप से चेक की जाय उपस्थिति। मैकेनिकल फाल्ट को रिबोर हैण्डपम्प की श्रेणी में डालने पर एफआईआर दर्ज कराने के दिये निर्देश। दो विभाग करेगें संयुक्त सत्यापन। 30 मार्च, 2022 तक सभी जिलाधिकारी कर लें सभी तैयारियां। ग्रीष्म ऋतु से निपटने हेतु मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय के निर्देश पर पेयजल समस्या ग्रस्त क्षेत्रों व पाइप लाइन विहीन क्षेत्रों में जल संस्थान द्वारा टैंकर से जलापूर्ति कराई जायेगी। स्वच्छ व सुचारू जलापूर्ति हेतु मण्डलायुक्त द्वारा दोगुनी संख्या में ट्रेक्टर व टैंकर चलाने के निर्देश जल संस्थान को दिये गये व अधिक से अधिक टैंकर चलाये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह अपने क्षेत्रों में ट्रैक्टर-टैंकरों का अधिग्रहण कर लें। टैंकर चलाने से पूर्व टैंकरों की साफ-सफाई व रंगाई पुताई करा ली जाये व आउटर्सोस के माध्यम से रखे जाने वाले टैंकर की भी साफ-सफाई कराने के निर्देश मण्डलायुक्त द्वारा दिये गये। उनके द्वारा पानी की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु पेयजल आपूर्ति में उपयोग होने वाले रसायन की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश जल संस्थान को दिये गये। इसके साथ ही मोटर पम्पों की स्पेयर मात्रा अतिरिक्त में रखने के निर्देश भी दिये गये है। मण्डलायुक्त द्वारा हैण्डपम्प मरम्मत के त्वरित निस्तारण हेतु अधिक से अधिक मरम्मत गैंग लगाये जाने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे ग्रीष्म ऋतु में आम जनमानस को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसके अतिरिक्त मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय द्वारा जल संस्थान/जल निगम के सम्पूर्ण स्टाफ को टीम वर्क की भावना व एक्टिव मोड में काम करने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया है ताकि इस ग्रीष्म ऋतु में आम जनता की समस्याओं को त्वरित गति से निस्तारित किया जा सके।