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महिला दिवस स्पेशल ! घर व नौकरी में तालमेल बनाते हुए कर्तव्य पथ पर डटीं महिलाएं

उरई (जालौन) महिलाओं को समाज में उचित सम्मान दिलाते हुए अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जागरूकता के चलते पहले के मुकाबले महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्तर में बदलाव आया है। शिक्षा, स्वास्थ्य के आंकड़ों में महिलाओं की स्थिति सुधरी है। कई महिलाएं ऐसी हैं, जो घर के साथ साथ नौकरी भी संभाल रही हैं और दोनों क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं ।

अस्पताल में शुरू कराई परिवार नियोजन की सुविधा –
शहर के मोहल्ला मैकेनिक नगर निवासी रचना राजपूत स्वास्थ्य विभाग में एएनएम हैं और शहरी पीएचसी उमरारखेरा में तैनात हैं। उनके पति उदय सिंह किसान हैं। उनका पांच साल का बेटा भी है। कोरोना काल में रचना ने प्रवासी मजदूरों के साथ शहर के लोगों की कोरोना जांच और टीकाकरण में सहयोग किया। परिवार नियोजन में भी अच्छा काम किया है।

रचना बताती हैं कि उन्होंने कई महिलाओं को नसबंदी के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। स्वास्थ्य विभाग की जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाती है, वह उसे बखूबी निभाती हैं। वह बताती हैं कि इसमें उनके पति भी उनका बराबर साथ देते हैं। नौकरी या फील्ड में जाने पर उनकी मदद करते हैं। रचना ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए महिलाओं को लगने वाली आईयूसीडी (कापर टी) पहले जिला महिला अस्पताल में ही लगाई जाती थी लेकिन उन्होंने जनवरी माह से अपनी पीएचसी में भी यह सुविधा शुरू करवा दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर उनके कार्य की सराहना करते रहते हैं।

बेटे बहू के साथ परिवार नियोजन के लिए प्रेरित कर रहीं राजकुमारी –
कदौरा ब्लाक के पंडौरा निवासी राजकुमारी (49) गांव में आशा कार्यकर्ता के रूप में तैनात हैं। वह 15 साल से गांव में आशा बहू के रूप में काम कर रही हैं। वह बताती हैं कि शुरूआती दौर में काम करने में परेशानी हुई। गांव वालों ने पहले तमाम आपत्तियां उठाई लेकिन धीरे धीरे उनका काम लोगों को पसंद आने लगा। वह हमेशा लोगों की मदद को आगे रहती। पति प्रदीप कुमार चाय की दुकान चलाते हैं।

इस साल उन्होंने पाँच पुरुषों की नसबंदी कराई है। राजकुमारी जिले में सबसे अधिक पुरूष नसबंदी कराने वाली आशा बहू हैं। वह महिलाओं को संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए भी प्रेरित करती हैं। उनके गांव में शत प्रतिशत लोगों ने जनवरी में ही कोविड टीके की पहली डोज लगवा ली थी और अब दूसरी डोज भी लगवा ली है। वह कहती हैं कि परिवार के सहयोग से काम करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

जरूरतमंदों की कानूनी मदद में आगे रहती हैं शीलिमा –
माधौगढ़ तहसील के गोहन निवासी शीलिमा लोगों को कानूनी मदद पहुंचाने का काम कर रही हैं। शीलिमा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़कर पैरालीगल वालिंटियर के रुप में काम कर रही हैं और विशेषकर महिलाओं को जागरुक करने का काम कर रही है।

वह बताती है कि पांच बहनों और एक भाई में वह सबसे बड़ी हैं। पिता अमर सिंह गांव गांव जाकर गैस, स्टोव आदि सुधारने का काम करते हैं। वह बताती है कि मासूमों के साथ हुए किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ वह अक्सर आवाज़ उठाती हैं। मिशन शक्ति के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय झाँसी और हमीरपुर में जाकर बालिकाओं को जागरूक करने का काम किया।

महिला दिवस पर होगी संगोष्ठी –
जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने बताया कि महिला दिवस पर मंगलवार को वन स्टॉप सेंटर पर सुबह 11 बजे से संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें महिला अधिकारों को लेकर चर्चा होगी।

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