गलन भरी सर्दी से ठिठुरे लोग, पशु पक्षी भी बेहाल

कोंच (पीडी रिछरिया) बीते करीब एक पखवाड़े से नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रुक रुक कर हुई बारिश के बाद कड़ाके की गलनभरी सर्दी अब अपना असर दिखाने लगी है। बादलों के पीछे छिपे सूर्य देवता के दर्शनों को लालायित लोग ठिठुरन भगाने के लिए अलावों का सहारा लेते नजर आ रहे हैं। पशु पक्षियों का हाल भी बेहाल है।
पिछले कई दिनों से सर्दी का सितम लगातार जारी है। शनिवार को हुई हल्की बूंदाबांदी के बाद रविवार को लोगों को गलन भरी सर्दी से जूझना पड़ा। सुबह जबरदस्त ठंड के चलते लोग देर तक घरों में रहे। पशु-पक्षियों को भी सर्दी बढ़ने से दिक्कत होने लगी है। तापमान अधिकतम 21 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस रहा। शीतलहर का असर रविवार को दिनभर रहा। इस दौरान बर्फीली हवाओं के चुभते नश्तरों से लोगों का हाल बेहाल हो गया। गर्म कपड़ों में लिपटे होने के बावजूद सर्दी का असर कम नहीं हो रहा है। गलन भरी ठिठुरन के कारण बाजार भी अन्य दिनों की अपेक्षा देरी से खुले शाम होते होते जब ठंड ज्यादा बढ़ी तो दुकानदार प्रतिष्ठान बंद कर जल्दी घर लौट गए। लगातार बढ़ रही सर्दी से जनजीवन अस्त व्यस्त होता नजर आ रहा है। पशु-पक्षियों को भी दिक्कत हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र के सौरभ सतोह, रामशंकर छानी, दिनेश पाठक भेंड़, सत्येंद्र गुर्जर रवा आदि का कहना है कि पशु पक्षियों को सर्दी के चलते बाहर निलकने में दिक्कत हो रही है। शाम को कहीं अलाव जलता है तो गर्मी पाने के लिए पशु भी उसके आसपास एकत्रित हो जाते हैं।
इधर, शहरी क्षेत्र में सर्दी से बचाव हेतु नगर पालिका प्रशासन द्वारा हालांकि नगर में लगभग तीन दर्जन स्थानों पर अलाव जलवाए जा रहे हैं लेकिन कमोवेश सवा लाख की आबादी के लिहाज से अलावों की यह संख्या नाकाफी साबित हो रही है। इस भीषण ठंड में सबसे ज्यादा दिक्कत गरीब, असहाय व खुले आसमान के नीचे झोपड़पट्टी में रहने वालों को हो रही है। ठंड से जूझ रहे नगर व क्षेत्रवासियों ने पालिका प्रशासन से अलावों की संख्या और बढ़ाए जाने की मांग की है।