आत्मा का परमात्मा से मिलन ही महारास है : दीदी पुष्पांजलि

कोंच (पीडी रिछारिया) गल्ला मंडी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में षष्ठम दिवस कथा व्यास दीदी पुष्पांजलि ने महारास, गोपी गीत और रुक्मिणी विवाह की कथाएं सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा प्रवक्ता दीदी ने कहा कि महारास वस्तुत: आत्मा का परमात्मा से मिलन और एक भक्त का भगवान के प्रति ऐसा निश्चल प्रेम है जिसे शब्दों में व्यक्त ही नहीं किया जा सकता है। कान्हा के राधा व गोपियों संग किए गए महारास में समय की गति थम गई थी। चंद्रमा अस्त नहीं हुआ तथा न ही सूर्य उदय हुआ, यमुना का पानी रुक गया तथा गोपियों के हृदय में श्रीकृष्ण बस गए थे। क्षेत्रीय विधायक मूलचंद्र निरंजन ने भी वहां पहुंच कर कथा व्यास दीदी से आशीर्वाद लिया।
कथा व्यास ने बताया कि कान्हा के द्वारा किया गया महारास बहुत ही मनोहर व प्रेम से परिपूर्ण था जिसकी केवल कल्पना मात्र से ही यह सबके हृदयों को भावपूर्ण कर देता है, तो सोचिये जो इसकी साक्ष्य बनी थीं उन गोपियों की क्या दशा हुई होगी। जब श्रीकृष्ण ने बंशी बजाई उस समय कोई गोपी सो रही थी तो कोई भोजन कर रही थी, कोई गाय का दूध दुह रही थी तो कोई चंद्रमा को निहार रही थी। अचानक से कान्हा की बंसी की मधुर ध्वनि हवा के साथ बहती हुई गोपियों के कानों तक पहुंची तो सभी की धड़कनें मानो थम सी गई थीं। उस समय सभी बेसुध हो गईं तथा अपने सभी काम छोड़कर उस धुन की दिशा में भागने लगीं। किसी-किसी गोपी के केश बंधे हुए नहीं थे तो किसी की साड़ी का पल्लू नीचे गिर चुका था। कोई सीधे शयन कक्ष से उठकर जा रही थी तो कोई नंगे पैर चल पड़ी थी। उन्हें आसपास का कुछ नहीं दिखाई पड़़ रहा था। उन गोपियों की जो दशा थी उसे शायद ही शब्दों में व्यक्त किया जा सके। स्वयं राधा ने जब कान्हा की मुरली की धुन सुनी तो वह यमुना किनारे नंगे पैर दौड़ पड़ी थी। उनके मार्ग में एक विषैला सर्प बैठा था लेकिन राधा कान्हा के प्रेम में ऐसा खोई हुई थी कि उन्हें वह सर्प भी नहीं दिखाई पड़ा। वह केवल कान्हा की बंसी की दिशा में दौड़े जा रही थी। इस तरह आत्माओं का परमात्मा से मिलन बहुत ही विचित्र था। कथा व्यास ने रुक्मिणी विवाह की भी कथा सुनाई जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। संगीतमय भजनों पर श्रोता खूब झूमे। अंत में परीक्षित अशोक निरंजन व उनकी पत्नी गुड्डी देवी सहित अन्य विशिष्ट भक्तों ने भागवत जी की आरती उतारी, प्रसाद वितरित किया गया।