बृजवासियों से गोवर्द्धन पूजा करा कर इंद्र का घमंड चूर किया कृष्ण ने : दीदी पुष्पांजलि

कोंच (पीडी रिछारिया) गल्ला मंडी परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस रविवार को अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका दीदी पुष्पांजलि वृंदावन धाम ने श्रोताओं को भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की कथा का संगीतमय रसपान कराते हुए कहा कि बृजवासियों से गोवर्द्धन पर्वत की पूजा करा कर इंद्र का घमंड चूर चूर कर दिया। इस लीला के माध्यम से परमात्मा ने प्रकृति से प्रेम करने का भी संदेश दिया।
कथा व्यास दीदी पुष्पांजलि ने बताया कि वसुदेव देवकी के सामने भगवान जब चतुर्भुज रूप में प्रकट हुए तो उनको बेटा मानने में वह सकुचाते हैं, परंतु नंद यसोदा के सामने नवजात बालक के रूप में प्रकट होते हैं तो नंद का भाव ही अपने बेटे में देखते हैं। दीदी ने कहा कि जो सबको आनंद दे वही नंद है और जो यश देकर अपयश अपने ऊपर ले ले वो यशोदा है। उन्होंने नंदोत्सव, अघासुर, वकासुर, तृणावर्त पूतना वध और महारास आदि लीलाओं का संगीतमय दर्शन उपस्थित श्रोताओं को कराया। ब्रजवासियों को इंद्र की पूजा की तैयारियां करते देख गोपाल कृष्ण ने उन्हें इंद्र के बजाए उस गोवर्द्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा जो जीवों के जीविकोपार्जन के लिए सब कुछ देता है। बृजवासियों ने कृष्ण का कहना मानकर गोवर्द्धन की पूजा की तो इंद्र ने कुपित होकर प्रलयंकारी वर्षा कर बृजवासियों को त्रास दिया, लेकिन कृष्ण ने अपनी कनिष्का पर गोवर्द्धन धारण कर बृजवासियों की रक्षा की और इंद्र का गर्व चूर किया। श्रोतागणों ने कथा का रसपान के मध्य संगीतमय भजनों पर भक्तिभाव में आनंदित होते हुए जमकर नृत्य किया। संचालन भागवत शरण शास्त्री ने किया। वहीं शास्त्री ने बताया कि 13 व 14 दिसंबर को वृंदावन के कलाकारों द्वारा रासलीला का मंचन किया जाएगा।