उत्तर प्रदेशटॉप हेडलाइंसधर्म-आस्थाबड़ी खबरहरदोई

पेड़हथा में बड़े धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का पर्व

शाहाबाद/हरदोई। जिला हरदोई के ग्राम पेड़हथा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हरदोई के सुप्रसिद्ध कथावाचक पं० विकास वाजपेयी जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म की मधुर बधाईयों से कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव बड़े धूमधाम से कई महीनों तक बृज में मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य बाल लीलाओं से बृज के गोपी, ग्वालों को आनंद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि माखन चोरी द्वारा हर गोपी के घर में जाकर भगवान उनका मनोरथ पूर्ण करते हैं।

भगवान ने बृज में रहते हुए पांच व्रत लिए पहला बृज में कभी केश नहीं कटवाए, दूसरा बृज में कभी सिले वस्त्र नहीं पहने, तीसरा बृज में कभी अस्त्र नहीं उठाए, चौथा बृज में कभी पादुका धारण नहीं की और पांचवां बृज में जब तक रहे तब तक मोर मुकुट के अलावा कोई मुकुट धारण नहीं किया। भगवान की बाल लीलाओं, पूतना-मोक्ष, तृणावर्त उद्धार, नामकरण संस्कार, माखन चोरी लीला आदि की कथा विस्तार से सुनाई गोव‌र्धन भगवान की पूजा का प्रसंग सुनाते हुए बाजपेयी महाराज जी ने कहा कि गोवर्धन पूजा परमात्मा में आस्था का प्रतीक है

उन्होंने कहा कि भगवान ने कर्म की प्रधानता बताने के साथ ही देवराज इंद्र के अहंकार को समाप्त करने के लिए सर्वज्ञ होते हुए भी दीपावली के दूसरे दिन तमाम पकवान, मेवा-मिष्ठान्न बनते देख अबोध की तरह नंदबाबा से पूछा, पिताजी यह क्या हो रहा है इसका क्या उद्देश्य है। नंदबाबा द्वारा इंद्रयोग की तैयारी सुनकर भगवान ने कहा कर्म से ही शत्रु, मित्र, हानि-लाभ, जीवन-मरण आदि का निर्धारण होता है, अत: कर्म ही श्रेष्ठ है। फलदाता इंद्र नहीं कोई अन्य है, जो कर्मों के अनुसार फल देता है। जिससे आसानी से आजीविका चले, पूजा उसकी करनी चाहिए। भगवान की भक्त-वत्सलता पर प्रकाश डालते हुए वाजपेयी महाराज ने कहा कि इससे बड़ी बात भला क्या हो सकती है। जो सारे विश्व का भरण-पोषण करने वाला है वह स्वयं गिरिराज के अंदर बैठ कर प्रसाद प्राप्त कर रहा है। कथावाचिका मोहिनीं वाजपेयी जी नें गोवर्धन पूजा के मधुर गीतों से श्रोता पंडाल में झूम उठें।

इस अवसर पर इजी० अनुज कुमार मिश्रा निजी सचिव सांसद राजयसभा मा० डा० अशोक वाजपेयी उ० प्र० भारतीय जनता पार्टी, आलोक मिश्रा, श्यामू मिश्रा, विनोद मिश्रा, शम्भू दयाल मिश्रा, सर्वेश मिश्रा, संधीर मिश्रा, रामू मिश्रा, आदर्श मिश्रा, रिषी दीक्षित, राजकुमार दीक्षित, हरिशंकर दीक्षित, आशीष दीक्षित, प्रिंस अग्निहोत्री, श्रीकान्त तिवारी, सदानन्द मिश्रा, अतुल पाण्डेय, गोलू पाण्डेय, सतीष चन्द्र, रामसागर, रमाकान्त, राजाबाबू आदि कई भारी संख्या में ग्राम एवं क्षेत्रवासी उपस्तिथि रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button