सावन के चौथे सोमवार को भक्तों ने विधि विधान से की शिव पूजा

कोंच। इस बार भक्तों को भूतभावन भगवान शिव की भक्ति के अपेक्षाकृत ज्यादा अवसर मिले हैं क्योंकि इस दफा पुरुषोत्तम मास के चलते श्रावण के दो माह मिले हैं। सावन के चौथे और पुरुषोत्तम मास के दूसरे सोमवार को नगर व क्षेत्र के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने भगवान भूतनाथ की नाना प्रकार से अर्चना कर उन्हें बेल, फूल और नैवेद्य चढाए। बड़े भोर से ही शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया था, जहां देखो वहां बोल बम और हर हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही थी।
बाग-बगीचों, मंदिरों और शिवालयों की नगरी के रूप में विख्यात कोंच में श्रावण मास के चौथे सोमवार को हर तरफ बम-बम भोले की स्वर लहरियां सुनाई दे रही थीं। इसके अलावा नगर के बाहरी इलाकों में अवस्थित शिव मंदिरों झलेश्वर व पठेश्वर में भी श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचे। नगर के बीचों बीच स्थापित भूतेश्वर मंदिर पर अलस्सुबह से ही महिलाओं का तांता जलाभिषेक के लिए शुरू हो गया था जो दिन चढे तक जारी रहा और वहां भीड़ का आलम यह था कि तिल धरने को भी जगह नहीं थी।
दीर्घायु के प्रदाता भगवान मारकंडेश्वर महाराज के मंदिर में भी भक्त श्रद्धालु उनकी पूजा में लीन दिखे और बेलपत्र, पुष्प, आक, धतूरे से उन्हें प्रसन्न करने का उपक्रम करते देखे गए। नई बस्ती स्थित सिद्घेश्वर मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर नायक के मठ में भी शिव भक्तों की भारी भीड़ रही और बोल बम के जयकारों के बीच भगवान आशुतोष की पूजा की गई। गुप्तेश्वर, बक्सेश्वर, पीपलेश्वर, यादवेश्वर आदि शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़ में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। कई शिवालयों में रुद्राभिषेक के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।